रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा इन दिनों काफी सुर्खियों में है. ऐसा इसलिए क्यूंकि वो लगातार राज्य की हेमंत सरकार पर वैश्विक महामारी के समय रांची नगर निगम को सहायता नहीं करने का आरोप लगा रही है. मेयर का कहना है की कोरोना से लड़ने के लिए तथा पयेजल संकट को दूर करने के लिए निगम द्वारा राज्य सरकार से 19.77 करोड़ रुपए की मांग की गयी है जो अभी तक नहीं मिला है.
इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है की रांची की मेयर आशा लकड़ा के द्वारा जिस प्रकार वर्तमान हेमन्त सोरेन सरकार के विरुद्ध आधारहीन एवं झूठ से लदे वक्तव्य दिए जा रहे हैं, उसकी जितनी भी निंदा की जाय, वह कम होगा। रांची नगर निगम ने गत वित्तीय वर्ष में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से 19.77 करोड़ रुपये का मांग रखा था, जिसके एवज में उन्हें कुछ भी नहीं मिला और चूंकि वो भाजपा की सरकार थी, इसलिए मेयर अपना दायित्व नही समझी और कोई बयान नही दिया।
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अब चूकि राज्य में हेमन्त सोरेन की सरकार है और उन्होंने रांची नगर निगम को 11.80 करोड़ रुपए दिए, उसको मेयर द्वारा सार्वजनिक न कर उल्टा सरकार पर आरोप मढ़ रही हैं कि उन्हें केवल 44.50 लाख रुपए मिले। मेयर द्वारा इस प्रकार की बयानबाजी लोगों के बीच मे भ्रम पैदा कर रही है।
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सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा की रांची नगर निगम के विगत आठ वर्षों की विस्तृत कार्यों की गहन समीक्षा करने का समय आ गया है और उनसे हर योजना के एक-एक पाई की हिसाब भी ली जाएगी। मेयर के साम्प्रदायिक वक्तव्य, उनके द्वारा लोगों के बीच नफरत के संदेश दिए जा रहे हैं। जबकि वो एक संवैधानिक पद पर बैठी हुई हैं। इस संकट की घडी में राजनीती छोड़ राज्य सरकार के साथ मिलकर उन्हें जनता के लिए काम करना चाहिए।