कोरोना संक्रमण के बीच राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने चार निजी लैब को कोरोना की जाँच करने का आदेश जारी किया है. इच्छुक व्यक्ति निजी लैब की सहयता से कोरोना की जाँच करवा सकते है. लेकिन झारखण्ड में कोरोना की जाँच करने वाले निजी लैब पर सियासत शुरू हो गयी है.
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दरअसल राज्य सरकार ने पुरे झारखण्ड में चार निजी लैब को कोरोना की जाँच करने की अनुमति दी है. परन्तु जाँच की जो कीमत है वो आम लोगो के साथ-साथ राजनितिक दलों के लोगो को भी रास नहीं आ रहे है. निजी लैब में कोरोना जाँच की कीमत 4500 रूपये राखी गयी है जबकि पडोसी राज्य बिहार में निजी लैब कोरोना की जाँच करने के लिए 2500 रूपये वसूल रही है यानी 2000 का साफ़ अंतर है. ऐसे में राजनीती होना लाजमी है.
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झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार ने ट्वीट कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से कहा है की निजी लैब द्वारा जो राशि कोरोना जाँच के निर्धारित की गयी है वो वाजिब नहीं है. मामले को संज्ञान में ले कर स्थिति को नियंत्रण करे. इस महामारी के समय निजी लैब द्वारा मनमाना राशि वसूल करना दुर्भाग्यपूर्ण है. बाबूलाल ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले को उठाया है