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मिथिलेश ठाकुर ने कांके डैम का लिया जायजा, अधिकारियो से कहा किसी भी हाल में पेयजल का संकट का सामना न करना पड़े

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेष कुमार ठाकुर ने आज कांके (गोंदा) डैम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मंत्री मिथिलेष ठाकुर ने अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंताओं को कई आवश्यक दिषा-निर्देष भी दिये।

मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी सूरत में पेयजल का संकट का सामना न करना पड़े। रांची के कांके (गोंदा) डैम के ट्रिटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने कहा कि इस डैम से एक लाख से अधिक लोगों को पेयजल आपूर्ति की जाती है। निर्बाध जलापूर्ति के लिए मंत्री द्वारा निदेश दिया गया। मंत्री ने गोंदा जल शोध संस्थान में हो रहे वाॅटर ट्रिटमेंट की प्रक्रिया को समझा एवं स्वयं पानी पी कर इसकी अच्छी गुणवत्ता से संतुष्ट हुए।

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इस वर्ष 2119 फीट 08 इंच पानी डैम में उपलब्ध है, जो संतोषजनक है। मंत्री ने अधिकारियों से डैम एरिया में चल रहे पार्क एवं फाऊंटेन का वृहद रूप से सौन्दर्यीकरण करने का निर्देष दिया, जिससे कि पर्यटन एवं रोजगार के अवसर पैदा हो सके तथा स्थानीय लोगों एवं स्कूल के बच्चे शैक्षणिक भ्रमण के समय लाभ उठा सके। ट्रिटमेंट प्लांट में कम कर रहे दैनिक मजदूरों ने मंत्री से लंबित मानदेय न मिलने की जानकारी दी जिसपर मंत्री ने लंबित मानदेय का भुगतान अविलम्ब करने का निर्देष संबंधित अभियंता को दिया।

मिथिलेश ठाकुर ने कांके डैम का लिया जायजा, अधिकारियो से कहा किसी भी हाल में पेयजल का संकट का सामना न करना पड़े 1
Mithilesh Thakur

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मंत्री ने अवैध रूप से मत्स्य पालकों के द्वारा डैम में अतिक्रमण कर केज लगाकर मछली पालन कर रहें लोगों से डैम को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देष अभियंताओं को दिया। इसके अतिरिक्त मंत्री ने अधिकारियों को निर्देष दिया कि माननीय उच्च न्यायालय ने वर्ष 2017-18 में डैम का अतिक्रमण कर रहे लोगों को हटाने का आदेष दिया था। जिसका अनुपालन अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हो सका है।

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डैम के कैचमेट एरिया में लोगों द्वारा स्थायी एवं अस्थायी रूप से कई मकानों एवं दुकानों का निर्माण कर लिया गया है। जिससे डैम का एरिया संकीर्ण होने के साथ-साथ डैम पर प्रदुषण का बहुत बड़ा खतरा भी मंडरा रहा है। मंत्री ने अविलम्ब डैम के कैचमेट एरिया को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देष अभियंताओं को दिया। निरीक्षण के क्रम में पेयजल एवं स्वच्छता नागरिक अंचल, राँची के अधीक्षण अभियंता, के. के. वर्मा, प्रमण्डल राँची के कार्यपालक अभियंता कार्तिक भगत, गोंदा प्रमण्डल के कार्यपालक अभियंता शषि शेखर सिंह आदि पदाधिकारी मौजूद थे।