केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को प्रवासी मजदूरों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने तय किया है की अगले दो महीनो तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जायेगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी ये फायदा मिलेगा इसके लिए सरकार 3,500 करोड़ रूपये खर्च करेगी।
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राज्य सरकार से प्राप्त आकड़ो का हवाला देते हुए उन्होने कहा की लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर इधर से उधर हुए है कई ऐसे है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उन्हें भी राशन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. 8 करोड़ प्रवासी मजदूर है जिन्हे चिन्हित किया गया है. उन्हें दो महीनो तक मुफ्त राशन मिलेगा।
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कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा कि यह कदम सरकार को काफी पहले उठाना चाहिए था. अब काफी देर हो चुकी है. व्यापक संकट से निपटने के लिए मुफ्त खाद्यान्न प्रावधान को सार्वभौमिक बनाना चाहिए था। प्रवासी श्रमिकों के लिए उपायों के अलावा, सरकार द्वारा घोषित दूसरी किश्त में शहरी आवास, सड़क विक्रेताओं और किसानों के लिए ऋण सुविधाओं का विस्तार और छोटे व्यवसायों के लिए एक ब्याज सबवेंशन योजना शामिल है.
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प्रवासी कामगारों के लिए मुफ्त खाद्यान्न मुहैया कराने की यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार है, जिसमें अप्रैल से जून तक प्रति व्यक्ति 5 किलो अतिरिक्त चावल और गेहूँ का आवंटन, और 1 किलो दाल प्रति परिवार दिया जायेगा। 8 करोड़ लोगो को जिनके पास राशन कार्ड है उन्हें भी लाभ पहुँचाया गया है. जिसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) द्वारा दिए गए है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है की राज्य वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम देने के लिए योजना बनाने को कहा है. ऐसे प्रवासी जिनके घरो में अजीविका का कोई साधन नहीं है उन्हें मनरेगा के तहत जोड़ करके काम उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकारों से कहा गया है.