झारखंड में सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव राज्य की राजधानी राँची से मिला था. जिसके बाद लगातार वहाँ से मरीजों की संख्या बढ़ती चली गयी और देखते ही देखते रांची रेड जोन के रूप में चिन्हित हो गया. लेकिन लॉकडाउन के दो महीनो बाद रांची सहित पुरे झारखण्ड के लिए सुखद खबर आई है. केंद्र सरकार द्वारा तय किये गए मानको के आधार पर राँची अब रेड जोन से बाहर हो चूका है.
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झारखंड का कोई भी जिला वर्तमान में रेड जोन में नहीं है। स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। उनके अनुसार राज्य का कोई भी जिला रेड जोन के दायरे में अभी नहीं आ रहा है। रांची में वर्तमान में कोरोना वायरस के 113 मामले हैं। इसमें दो की मौत हो गई है और 90 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
शुक्रवार को रांची में कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला। इससे पहले गुरुवार को रांची में कोरोना वायरस के 7 मरीज मिले थे। वर्तमान में राज्य के ऐसे 21 जिले हैं, जहां कोरोना के मरीज मिले हैं, वे सभी ऑरेंज जोन में हैं। वहीं खूंटी, पाकुड़ तथा साहिबगंज में अभी तक कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला है। ये तीनों जिले ग्रीन जोन में हैं।
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स्वास्थ्य सचिव के अनुसार जिलों के रेड जोन में आने के कुछ मानक तय हैं। पहला यह कि पूरे जिले में 200 से अधिक पॉजिटिव केस मिलना चाहिए। इसी तरह प्रति लाख आबादी पर 15 से अधिक पॉजिटिव केस मिलना चाहिए। मरीजों के डबलिंग रेट 14 दिनों से कम हो। इसी तरह जांच की दर 65 फीसद से कम हो तथा संक्रमण दर छह फीसद से कम हो।
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार मुंबई से लौट रहे प्रवासी मजदूरों में सबसे अधिक संक्रमण सामने आ रहा है। मुंबई से लौटनेवाले प्रवासी मजदूरों में से 9378 की अब तक जांच कराई गई, जिनमें लगभग एक फीसद में संक्रमण पाया गया। इसी तरह सूरत से लौटनेवाले मजदूरों में 0.86 फीसद, चेन्नई से लौटनेवालों में 0.13 फीसद, कोलकाता से लौटनेवालों में 0.6 तथा दिल्ली से लौटनेवालों मजदूरों में से 0.56 फीसद में संक्रमण पाया गया।