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अलग-अलग तीन मामलो में CM हेमंत सोरेन ने दिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जाँच के आदेश, एक्शन में है CM

News Desk

सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार को लेकर फुल एक्शन में है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीन अलग-अलग मामलो में जाँच के आदेश दिए है. इनमें गिरिडीह के दो डाकघरों से 11.64 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी, दुमका में वन अधिनियम व गुमला में रिश्वत से संबंधित मामला है।

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह के प्रधान डाकघर व टाउन उप डाकघर में फर्जी निकासी मामले में सीबीआइ से जांच कराने के लिए मंजूरी दी है। मामला 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार 635 रुपये की फर्जी निकासी से संबंधित है। इस मामले में गिरिडीह टाउन थाना में पहले से ही धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज है। बता दें कि डाक महाध्यक्ष (सेल्स एवं व्यय विभाग) झारखंड परिमंडल, रांची ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था।

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प्रधान डाकघर से 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 के बीच 11,64,38,635 रुपये की फर्जी तरीके से निकासी की गई थी। इसके अंतर्गत गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को सूनियोजित साजिश के तहत धोखा देकर व्यक्तिगत खातों में जमा कर दिया जाता था

इस मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और सहायक डाकपाल मो. अलताफ की संलिप्तता सामने आने के बाद उन्हेंं निलंबित कर दिया गया था।

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दूसरा मामला जिसमे जाँच के आदेश दिए गए है वह गुमला के सुब रेजिस्टार से जुड़ा हुआ है. राम कुमार मधेसिया पर गुमला के सब रजिस्ट्रार रहते हुए जमीन की खरीद-बिक्री या अन्य दस्तावेजों के निबंधन के लिए रिश्वत मांगे जाने की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने यह आदेश दिया।

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जबकि तीसरा मामला दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ है. मुख्यमंत्री ने दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया है। उनपर भारतीय वन अधिनियम-1927 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम – 988 की विभिन्न धाराओं के तहत दुमका नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है। मुख्यमंत्री ने झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के पत्र के आलोक में ओम प्रकाश सिंह के विरुद्ध दर्ज मामले के अनुसंधान के लिए एसीबी को आदेशित किया है।

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