अब्दुल करीम अंसारी ने एक ब्लॉग लिखा है जिसमे उन्होंने झारखण्ड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का जिक्र किया है. जरमुंडी से कांग्रेस के विधायक बादल पत्रलेख अपने विधायकी के दूसरे ही कार्यकाल में मंत्री बन गए है.
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अब्दुल करीम अंसारी ने लिखा झारखण्ड के कृषी ,पशुपालन, मत्स्य विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख हैं देवघर के जरमुण्डी से दूसरी बार विधायक चुने गए जब पहली बार विधायक निर्वाचित हुए तो अपने घर के चौखट के बाहर खड़े होकर मां से आशीर्वाद लेकर कहा कि अब ये मेरा घर नही जरमुण्डी का हर घर मेरा है.
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मैं अपने आपको अपना घर त्याग कर जरमुण्डी के जनता को समर्पित करता हूं उस दीन से आज तक मंत्री बादल पत्रलेख ने अपने घर की दहलीज नही लांघी है. रात किसी गांव के समुदायिक भवन या अपने कार्यकर्ताओं के घर गुजरती है.
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राजनीति के सादगी के एक मिसाल बन गए हैं बादल जरमुण्डी की तीन पीढ़ियां बादल भैया कह कर ही पुकारती है चाहे दादा,हो बेटा या पोता ये अपना पन होने का लगाव दिखता है जब मंत्री बनाया जा रहा था तो मलाईदार मंत्रालय नही बल्कि सबसे कठिन मंत्रालय की मांग की जिसमे दीन रात काम कर सुधारा जा सके और आज इस करौना महामारी में जीस तरह अपने मंत्रालय के जरिये किसानों को सहूलतें पैदा की दूधारू जानवरों का चारा उपलब्ध कराया कोई भी गोशाला में गाय माता चारा से बंचित नही रही कॉग्रेस आलाकमान आज अपने मंत्री बनाने के फैसले पर गर्व महसूस कर रही होगी।