झारखण्ड में पारा शिक्षको के स्थायीकरण का मुद्दा हमेशा से गर्म रहा है. पूर्व की रघुवर सरकार में पारा शिक्षको ने सड़को पर उतर कर अपना विरोध दर्ज किया था. पारा शिक्षक लगातार स्थायीकरण की मांग कर रहे थे. जिसे लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन भी हुए थे. झामुमो ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में ही कहा था की यदि हमारी सरकार बनती है तो पारा शिक्षको को स्थयी किया जायेगा।
पारा शिक्षकों को 2000 व 2400 के ग्रेड पे के साथ 5200-20200 का वेतनमान मिलेगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को जहां सीधे वेतनमान का लाभ मिल सकेगा, वहीं बाकी पारा शिक्षकों को इसके लिए परीक्षा देनी होगी।
पारा शिक्षकों को तीन बार वेतनमान के लिए परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इसमें पास करने पर उन्हें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। अगर पास नहीं करते हैं तो उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा और अभी की भांति मानदेय का ही भुगतान होगा।
पहली से पांचवी क्लास के पारा शिक्षकों के लिए एक पेपर की परीक्षा होगी, जबकि छठी से आठवीं में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए दो पाली में परीक्षा होगी। कट ऑफ मार्क्स पर फिलहाल निर्णय नहीं हो सका है कैबिनेट के प्रस्ताव में इसका निर्धारण किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान के लिए कमेटी ने अपनी सहमति दे दी है। अब प्रस्ताव कैबिनेट भेजा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली और वेतनमान को कैबिनेट की मंजूरी मिलने राज्य में करीब 11 हजार टेट पास पारा शिक्षकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। वहीं, अन्य पारा शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी। इसका आयोजन वेतनमान मिलने के दो से तीन महीने के अंदर होगा।
पहली से पांचवी के पारा शिक्षकों को निर्धारित वेतनमान के साथ 2000 का ग्रेड पे मिलेगा, वहीं छठी से आठवीं के पारा शिक्षकों को 2400 का ग्रेड पे मिलेगा। वेतनमान लागू होने के 12 साल के बाद उनके ग्रेड पे में भी बढ़ोतरी होगी और इसे बढ़ाकर 2400 व 2800 किया जाएगा। इस दौरान सरकारी शिक्षकों की तरह वार्षिक वृद्धि समेत अन्य भत्ता का भी लाभ दिया जाएगा।
पारा शिक्षकों को वेतनमान देने के प्रस्ताव पर पूर्व की भाजपा सरकार में बनी कमेटी ने दो बार ही दो पारियों में परीक्षा का मौका दिया था। साथ ही, इसमें पास नहीं करने पर सेवा से हटा दिया जाता। इसमें संशोधन किया गया है। अब तीन बार परीक्षा का मौका मिलेगा और फेल करने पर नहीं हटाया जाएगा। पास करने के लिए कट ऑफ मार्क्स 60 नंबर रखा गया है। पारा शिक्षकों ने इसे 30 अंक करने की मांग की थी। विधि विभाग की राय के बाद इस पर निर्णय होगा।