भले ही राज्य में मॉनसून ने एंट्री की है लेकिन राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत का पारा हाई हो चूका है. यूपीए और एनडीए दोनों अपने प्रत्याशी के जीतने के दावे कर रहे है. लेकिन मुख्य दल झामुमो, कांग्रेस और भाजपा अपने हिसाब से विधायकों को सेट करने में लगे है.
विधायक ढुलू महतो ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य सभा चुनाव की वोटिंग में शामिल होने की इजाजत मांगी है। निचली अदालत ने वोटिंग में शामिल होने से संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। जेल में बंद ढुलू महतो पर कई गंभीर आरोप हैं।
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19 जून को राज्यसभा का चुनाव है। ढुलू महतो यौन शोषण, मारपीट समेत कई मामलों में आरोपी हैं। कई दिनों तक फरार रहने के बाद उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। अभी वे जेल में हैं। राज्यसभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने निचली अदालत में याचिका दाखिल की थी। लेकिन वहां उनकी याचिका खारिज हो गई। अब उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया है।
भाजपा को वरिष्ठ विधायक सरयू राय का साथ मिलने से राज्य की राजनीति ने एक अलग तरह की करवट लेनी शुरू कर दी है। सरयू के साथ से भाजपा को राज्यसभा चुनाव में जहां मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल गई है वहीं, भाजपा की पूर्व सहयोगी आजसू के लिए यह सूचना किसी झटके से कम नहीं है।
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आजसू अब चुनाव में समर्थन को लेकर भाजपा से किसी भी तरह की बारगेन की स्थिति में नहीं रह गई है। बताया जा रहा है कि आजसू पार्टी की नजर बेरमो सीट पर लगी है और राज्यसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन के एवज में यह सीट मांगने की तैयारी पार्टी ने कर रखी थी।
CM हेमंत ने सुदेश से की मुलाकात गुरु जी के लिए माँगा समर्थन:
मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आजसू प्रमुख सुदेश महतो से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे। दोपहर में सुदेश के आवास पहुंचे मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के लिए आजसू का समर्थन मांगा।
राज्यसभा चुनाव और बेरमो उपचुनाव में भाजपा की अनदेखी से उसकी सहयोगी पार्टी आजसू नाराज चल रही है। आजसू उम्मीद लगाए बैठी थी कि बेरमो विधानसभा के उपचुनाव में उसे भाजपा का साथ मिलेगा। लेकिन अब चूंकि सरयू राय राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने की बात कह चुके हैं, इस लिहाज से अब भाजपा को रास चुनाव जीतने में दिक्कत नहीं होगी।