कांग्रेस नेता सईद नसीम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि लोकडॉन के दौरान 30000 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अन्य राज्यो से अपने गृह जिला कोडरमा लौटे है। अच्छी बारिश के बाद इन्हें कृषि से काफी उम्मीद है क्योंकि ज्यादातर प्रवासी मजदूर कृषि पर आश्रित होते है। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद कृषि विभाग का ध्यान आकृष्ट करना है कि
खेती के मौसम में किसानों की समस्या ना हो इसके लिए खाद-बीज दुकानों पर भी नजर रखी जानी चाहिए। विभगिय प्रचार प्रसार की कमी के कारण आधे से ज्यादा किसानों को पैक्स से मिलने वाले बिज के बारे में पता तक नही है। किसानों की शिकायत रहती है कि राशन डीलर किसानों को खाद-बीज व अन्य उर्वरक कम दे देते हैं और बिल ज्यादा का काट देते हैं। यही नहीं कृषि विभाग की ओर से निशुल्क या कम दर पर मिलने वाले उर्वरकों को बेच दिया जाता है। जबकि ये किसानों के लिए निशुल्क या आधे दाम पर उपलब्ध होते हैं। सईद नसीम ने अपनी बात को जारी रखते हुवे कहा कि किसानों से निर्धारित दर से अधिक राशि की वसूली ना हो। इसका ध्यान रखना आवश्यक है। बावजूद किसी तरह की समस्या पर किसान सीधे शिकायत करने के लिए टोल फ्री नम्बर की व्यस्था होनी चाहिए। ताकि गड़बड़ करने वाले के विरूद्ध सीधी कार्रवाई हो सके। 2019 में भी बीज विनिमय वितरण कार्यक्रम एवं बीज उत्पादन योजना के तहत किसानों को बीज आधे कीमत पर उपलब्ध कराए जाने की योजना थी। लेकिन विभाग में बीज उपलब्ध नहीं रहने के कारण किसानों को इस लाभ से वंचित रहना पड़ा। वर्ष 2015 में हुए फर्जी वितरण पंजी जारी कर बीज घोटाला डोमचंच प्रखंड में हुवा था जांच के दौरान मृतक के नाम से भी बीज वितरण किया गया था। पूर्व में कृषि सम्बन्धी शिकायतें हर जनता दरबार मे उपायुक्त महोदय के समक्ष भी आते रहे है। ऐसा न हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।खाद दुकान में कालाबाजारी न हो ऐसा नोबत न हो इसके लिए मोनेटरिंग टीम की गठन के साथ मूल्य तालिका दुकानों में लगया जाय।साथ ही किसानों को उनकी मांग के अनुरूप ही संबंधित वेरायटी के बीज कराएं जाए। पैक्स का चुनाव प्रखंड वार प्रदर्शिता के साथ हो ताकि जिला के सभी किसानों को लाभ मिल सके।