भारतीय वायुसेना की ताकत आज कई गुना बढ़ने वाली है. काफी लंबे वक्त से जिस लड़ाकू विमान का इंतजार था, वो राफेल विमान आज भारत पहुंच रहा है.
कहाँ से आ रहा है राफेल:
भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे के तहत राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप आज भारत के अंबाला में पहुंचेगी. पहली खेप में कुल पांच लड़ाकू विमान होंगे, जिन्हें रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे। मंगलवार को राफेल विमानों ने फ्रांस से उड़ान भरी थी, जिसके बाद एक बार हवा में ही उनकी फ्यूलिंग हुई. जिसके बाद पांचों लड़ाकू विमान UAE के अल दाफरा बेस पर रुके. बुधवार सुबह सभी विमानो ने यहां से उड़ान भरी, जिसके बाद दोपहर दो बजे तक वो भारत के अंबाला पहुँचेगे.
क्या है राफेल की खासियत, और क्यों वायु सेना में किया जा रहा है शामिल:
राफेल की घातक और विध्वंसक मारक क्षमता भारतीय वायु सेना को मिलने जा रही है. वो राफेल जब दूसरे देशों में मिशन पर निकला तो दुश्मन खेमों में हाहाकार मचा गया. राफेल ने अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में खतरनाक सैन्य ऑपरेशन किया। इस नये नवेले लड़ाकू विमान से जब बमों की बौछार निकली तो धमाके और आग में सब कुछ स्वाहा हो गया. इराक में इस विमान के प्रहार से कई ISIS आतंकी मारे गए.
9/11 के बाद अमेरिका आतंकी ओसामा बिन लादेन को ठिकाने लगाने और तालिबान के अड्डों को नेस्तानाबूद करने के लिए अफगानिस्तान में कूद पड़ा. ये लड़ाई NATO के नेतृत्व में लड़ी जा रही थी. इसलिए फ्रांस की सेनाएं भी इस जंग में शामिल हो गई. साल 2007 में फ्रांस ने अफगानिस्तान के आसमान राफेल को उतार दिया. राफेल इसी साल फ्रांस वायुसेना का हिस्सा बना था. जबकि सबसे पहले 2004 में ये फाइटर जेट फ्रेंच नेवी का हिस्सा बना था. अफगानिस्तान में राफेल का निशाना था तालिबान का तत्कालीन सरगना मुल्ला उमर और लादेन के लड़ाके और राफेल से जो उम्मीद की गई थी वो उस ओर खरी भी उतरी।