बिहार विधानसभा में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही नामांकन लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके बाद एनडीए से लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर काफी उथल-पुथल मचा है शनिवार को महागठबंधन के द्वारा बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीआईपी के सीटों की घोषणा ना होने पर चलते प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी ने महा गठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया और उन्होंने खुले मंच से तेजस्वी यादव और राजद पर अति पिछड़ा समाज के लोगों को पीठ में छुरा भोंकने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।
महागठबंधन से अलग होने के बाद मुकेश साहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी जिसमें उन्होंने तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला है प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुकेश साहनी में तेज प्रताप और तेजस्वी को लेकर कई बातें कहीं हैं सैनी ने कहा कि तेजस्वी नहीं चाहते कि उनके भाई तेजप्रताप यादव राजनीति में उनसे आगे बढ़े इसीलिए उन्हें हमेशा दबाकर रखा जाता है शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने से पहले तेजप्रताप को चक्कर आने की खबरें सामने आई थी इस पर भी उन्होंने कहा कि या महज एक नाटक था दरअसल इसकी सच्चाई यह थी कि तेज प्रताप यादव कुछ सीटें चाहते थे लेकिन तेजस्वी उन्हें वर्सिटी नहीं देना चाहते थे तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और परिवार के किसी भी सदस्य को धोखा दे सकते हैं।
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इतना ही नहीं क्या आगे भी उनके सहनी ने कहा कि मुंबई में संसद का समाज के लिए पार्टी बनाई हमने पार्टी बनाकर लालू प्रसाद की राह पर चलने की कोशिश की ताकि जब भी मौका मिले समाज का भला कर सकूं मुझे दरभंगा से चुनाव लड़ना था लेकिन टिकट नहीं दिया गया जबरन हारने वाले लोकसभा का सीट दिया। मेरी ने मेरे नेताओं को आशीष तोड़कर अपने पार्टी में शामिल कर रही थी लेकिन सब बर्दाश्त करता रहा परंतु लालू परिवार धोखा देता रहा मुकेश साहनी ने यह भी कहा कि जितना तेजस्वी यादव को मैंने सहयोग किया होता तो परिवार के लोग भी उनको सहयोग में नहीं करते हैं वह मुझे बड़े भाई कहते हैं उस लिहाज से मैं भी चाहता था कि वह सीएम बने लेकिन तेजस्वी यादव को बिहार के युवा नेताओं से दिक्कत है वह कन्हैया के साथ बेगूसराय में गठबंधन नहीं कर उन्हें हराने का काम किया है अगर सच में युवाओं के साथ होते तो वह गठबंधन करते हो कन्हैया को जीता देते।
दोनों भाई भाइयों के बारे में बात करते हुए मुकेश सैनी ने कहा कि तेज प्रताप यादव बहुत ही अच्छे आदमी हैं लेकिन उनके घरवाले ही उनको आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं अगर तेज पता पार्टी का नेतृत्व करेंगे तो उनके साथ आने के बारे में मैं भविष्य में सोच सकता हूं तेजप्रताप को टिकट देने पर भी उनके छोटे भाई तैयार नहीं जबकि उनकी मांग सिर्फ दो सीटो की थी। तेज प्रताप यादव को उनके परिवार ने उनको अलग-थलग कर दिया है यदि भविष्य में राजद की कमान तेज प्रताप यादव के हाथ में आती है तो मैं फिर से वापस उनके साथ आने के बारे में सोच लूंगा लेकिन जब तक राजद का नेतृत्व तेजस्वी यादव के हाथ में रहेगी मैं अब उनके साथ नहीं आ सकता हूं।
कहाँ जायेगे मुकेश सहनी:
महागठबंधन से अलग होने के बाद मुकेश साहनी चुनाव में अकेले जाते हैं या फिर किसी के साथ गठबंधन कर चुनाव में जाएंगे यह देखने वाली बात होगी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि आप अकेले चुनाव के मैदान में जाएंगे या फिर किसी के साथ गठबंधन करेंगे तो उन्होंने साफ कहा कि मेरी बात कई राजनीतिक दलों के साथ चल रही है और एक बड़ा मोर्चा बनाकर हम चुनावी मैदान में उतार सकते हैं लेकिन अगर बात नहीं बनती है तो हम 243 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेंगे यदि किसी सीट पर कोई अति पिछड़ा समाज से चुनाव लड़ रहा होगा तो हम सोचेंगे कि उन्हें बताया जाए और वहां अपने प्रत्याशी हम खड़ा नहीं करेंगे।