रजरप्पा मंदिर परिसर की सफाई में लगी 25 सफाई कर्मियों को पिछले 10 माह से उनका मानदेय नहीं मिला है जिसकी वजह से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है एक तरफ मानदेय नहीं मिला तो दूसरी तरफ कोरोनावायरस के कारण उनके जीवन शैली पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है जिला प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है जिसके विरोध में अपनी बातों को प्रशासन तक पहुंचाने के लिए सफाई कर्मियों ने सोमवार को कार्य को बंद कर अपना विरोध दर्ज करवाया है
सफाई कर्मियों में अत्यधिक संख्या महिलाओं की है सफाई कार्य बाधित होने के कारण मंदिर परिसर में आने जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है सफाई कर्मियों का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण पूरे देश में आर्थिक स्थिति उत्पन्न हो चुकी है परंतु इन सब के बावजूद हम कार्य कर रहे हैं लोग डाउन के दौरान भी मंदिर परिसर में सफाई का कार्य करते आ रहे हैं लेकिन झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा फंड नहीं दिया जा रहा है
10 माह से बकाया है मानदेय, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान:
सफाई कर्मियों का कहना है कि पिछले जनवरी महीने से अब तक हमें वेतन नहीं दिया गया है वेतन नहीं मिलने के कारण हमें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है पैसे के अभाव के कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है लेकिन प्रशासन इस ओर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है सफाई कर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि हमारी मांग जल्द पूरी नहीं की जाती है तो हम आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे
आंदोलन कर रही महिलाओं का कहना है कि पूर्व में भी हमें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है पूर्व में महिलाओं को ठेकेदारों के द्वारा वेतन दिया जाता था परंतु ठेकेदार के द्वारा समय पर वेतन नहीं दिया जाता था इसका विरोध करने के बाद पर्यटन विभाग के द्वारा अस्थाई किया गया लेकिन फंड नहीं दिया गया है जिस वजह से जनवरी महीने से अब तक हमें वेतन नहीं मिला है जिस कारण हम लोगों के समझ भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है