झारखंड के धनबाद जिले में हुए अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले की परत दर परत खुल कर अब सामने आ रही है मामले की जांच कर रहे झारखंड पुलिस से केस्को सीआईडी टेकओवर कर सकती है धनबाद जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर जिले के विभिन्न स्कूलों में 10 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आया है जिसे लेकर अलग-अलग थानों में एफ आई आर दर्ज की गई है
छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर सीआईडी भी तफ्तीश करने में जुट गई है सीआईडी के अधिकारी अब पूरे केस को अपने हिसाब से पड़ताल कर रहे हैं एक वरीय अधिकारी जो सीआईडी का हिस्सा है उनका कहना है कि सारे मामले की समीक्षा करने के बाद ही केस को टेकओवर किया जा सकता है लेकिन यह साफ है कि जिस पैमाने पर घोटाला हुआ है उसमें कल्याण विभाग के अधिकारी उसके कर्मचारी एवं स्कूल संचालक और अंतर राज्य गिरोह के लोग शामिल हैं शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि सरगना चतरा जिले के हैं लेकिन उसके कई सदस्यों ने धनबाद को भी अपना ठिकाना बना रखा था
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एजेंटों के माध्यम से घोटाले को दिया जाता था अंजाम:
दरअसल इस पूरे घोटाले को एजेंटों के माध्यम से अंजाम दिया जाता था इस सरगना के मुख्य लोग एजेंटों के माध्यम से राज्य के विभिन्न स्कूलों से संपर्क कर घोटाले को अंजाम देने की रूपरेखा तैयार करते थे इस घोटाले में कुछ स्थानीय दलालों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है बीते सप्ताह में राज्य छात्रवृत्ति घोटाले में कल्याण विभाग के एक क्लर्क कंप्यूटर ऑपरेटर समेत दो अन्य लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है तो वही धनबाद जिले के 96 स्कूलों के प्राचार्य और संचालकों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की अनुशंसा की गई थी प्रारंभिक जांच में ही घोटाले पकड़ में आए हैं.
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घोटाला सिर्फ धनबाद जिले के अंतर्गत ही नहीं हुआ है बल्कि गढ़वा जिले में भी छात्रवृत्ति घोटाले का मामला सामने आ रहा है वह भी कई लोग एजेंटों के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को हजम कर गए हैं