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जम्मू-कश्मीर में परिषद चुनाव को लेकर गुपकार गठबंधन और भाजपा आमने सामने

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जम्मू-कश्मीर में परिषद चुनाव को लेकर गुपकार गठबंधन और भाजपा आमने सामने 1

पिछले साल जम्मू कश्मीर का दर्जा बदले जाने के बाद पहली बार कोई बड़ा चुनाव होने जा रहा है दूसरे किसी राज्य में जिला विकास परिषद चुनाव की उतनी व्याख्या नहीं होती लेकिन यह चुनाव इतने खास बन गये है कि इसकी चर्चा हो रही है आखिर क्यों हो रहा है? आएं जानते हैं विस्तार से.

जम्मू कश्मीर के 20 दिनों में कल फैसला विकास परिषद के चुनाव होने जा रहे हैं इस प्रकार अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद से शुरू कश्मीर में होने वाले पहले बड़े चुनाव अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया ताकि हर जिला विकास परिषद का गठन हो सके सरकार का मानना है कि इन चुनावों से निचले स्तर पर लोकतंत्र मजबूत होगा. सात दलो वाले पीएजीडी यानी पीपल एलायंस ऑफ गुपकार डिक्लेरेशन ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है उधर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और यहां तक कि केंद्रीय मंत्री परिषद चुनाव में लोगों से वोट मांग रहे हैं. पुलवामा के कुछ गांव का दौरा करने वाले एक प्रत्याशी ने बताया कि इस चुनाव से जम्मू कश्मीर के हालात बदलने के आसार हैं वहीं स्थानीय व्यक्ति ने बात करते हुए कहा कि यदि किसी भी महिला गर्भवती रहती है और उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है तो पहाड़ियों को पार करके जाना पड़ता है

बीजेपी जम्मू कश्मीर के विकास परिषद चुनाव को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है इस चुनाव को जीतने के साथ ही बीजेपी यह 10 आना चाहती है कि जम्मू कश्मीर में गुपकार गठबंधन देश को बांटने का प्रयास करते हैं और बीजेपी या भी संदेश देना चाहती है कि जम्मू कश्मीर में एक हिंदू मुख्यमंत्री बने इसी को लेकर बीजेपी पूरी ताकत झोंक चुकी है गुप्तार गठबंधन को लेकर यह कहा जाता है कि जो जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय पार्टियां हैं वह दिल्ली से खत्म होते ना तो को देखकर एक साथ आए हैं उन्हें समाप्त करने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं

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