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जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना 2020 के माध्यम से झारखण्ड के युवा अपनी प्रतिभा तरासेंगे

मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा झारखण्ड के पहले आदिवासी थे, जिन्होंने इंग्लैंड में शिक्षा ग्रहण कर राज्य का मान बढ़ाया था। उन्होंने भारतीय हॉकी टीम का कप्तान रहते हुए भारत को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाया था। वे संविधान सभा के सदस्य रहे और झारखण्ड आंदोलन की नींव रखी।

अब फिर से उसकी पुनरावृत्ति होगी। नई पीढ़ी के आदिवासी युवाओं को  संभावनाओं को अवसर में बदलने का मौका मिलेगा। झारखण्ड के अनुसूचित जनजाति के प्रतिभावान छात्र- छात्राओं को ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे प्रतिष्ठित विदेशी यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना 2020 के माध्यम से प्राप्त होगा। ऐसी छात्रवृत्ति योजना लागू करने वाला झारखण्ड देश का पहला राज्य है।

22 विषयों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के अवसर होंगे उपलब्ध:

वर्तमान की हेमंत सरकार का मानना है कि अलग झारखण्ड राज्य गठन के बाद भी झारखण्ड वासियों को अपनी प्रतिभा निखारने का पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाया। इसका मुख्य कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सीमित अवसर का होना है। ऐसे में झारखण्ड के युवाओं को राज्य एवं देश के निर्माण में महती भूमिका निभाने के अवसर प्रदान करने हेतु छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति के 10 चयनित प्रतिभावान छात्र- छात्राओं को अब प्रत्येक वर्ष उच्चस्तरीय शिक्षा, मास्टर डिग्री, एमफिल हेतु छात्रवृत्ति की सहायता प्रदान की जाएगी। ये छात्र-छात्राएं मानव विज्ञान, कृषि, कला और संस्कृति, जलवायु परिवर्तन, अर्थशास्त्र, विधि, मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पर्यटन समेत कुल 22 विषयों में एक और दो वर्ष के पाठ्यक्रम या शोध के क्षेत्र में उच्च शिक्षा(मास्टर डिग्री) ग्रहण कर राज्य की समृद्धि के वाहक बनेंगे।

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ:

मास्टर या एम.फिल डिग्री के लिए अभ्यर्थी के लिए स्नातक की डिग्री में 55% अंक या समकक्ष, संबंधित विषय में दो वर्ष का शिक्षण कार्य वांछनीय होगा। वैसे आवेदक जिनके पास अनुभव हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदक की उम्र 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदक को झारखण्ड राज्य का स्थानीय निवासी होना चाहिए और इसके लिए जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। आवेदक के माता-पिता की संपूर्ण पारिवारिक आय बारह लाख प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, आवेदन के साथ आयकर रिटर्न की प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा, एक ही माता-पिता या अभिभावक के एक से अधिक बच्चे योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना का लाभ किसी भी छात्र-छात्रा को किसी भी पाठ्यक्रम विशेष के लिए मात्र एक बार देय होगा। योजना अंतर्गत भारत सरकार के मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री के बच्चे शामिल नहीं किए जाएंगे।

यह वहन करेगी सरकार:

चयनित छात्रों को शिक्षण शुल्क, पुस्तकों, आवश्यक उपकरण, वार्षिक अनुरक्षण भत्ता, वीजा शुल्क, हवाई यात्रा खर्च, स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम, यात्रा का एवं स्थानीय खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। शिक्षण शुल्क का भुगतान संबंधित विश्विद्यालय को एवं अन्य खर्च का भुगतान डीबीटी के माध्यम से छात्रों के बैंक एकाउंट में होगा।