TMC minister Firhad Hakim: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम की बेटी प्रियदर्शनी के घर कथित तौर पर ईडी ने नोटिस भेजा था बताया गया था कि प्रियदर्शनी के बैंक खाते में कई तरह की विसंगतियां पाई गई थी. पश्चिम बंगाल में शारदा घोटाले का शगुफा एक बार और छोड़ा गया है जिसके तहत सीबीआई ने ममता बनर्जी सरकार के मंत्री और विधायक मदन मित्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए दफ्तर ले गई है.
कोयला चोरी के मामले में ममता बनर्जी की बहू और सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी को सीबीआई ने नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने के लिए कहा था सीबीआई दफ्तर में ममता के मंत्री और विधायकों को लाने की सूचना के बाद ममता बनर्जी अपने समर्थकों के साथ सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं. शारदा स्कैम में मुख्य आरोपी सुदीप्तो सेन और देबजानी मुखर्जी के अलावा कई टीएमसी नेताओं के नाम आए. जिनमें सीबीआई और ईडी ने पूछताछ की इनमें शारदा के मीडिया ग्रुप के सीईओ और टीएमसी नेता कुणाल घोष, मदन मित्रा, शंकुदेब पंडा, टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय, तपस पॉल शामिल है.
मुकुल रॉय और हेमंत विस्व शर्मा ने घोटाले में नाम आने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनके अलावा शंकुदेब पंडा भी 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. श्रिंजय बॉस ने भी राजनीति से इस्तीफा दे दिया था. दरअसल, शारदा घोटाला एक चिटफंड स्कीम घोटाला था चिटफंड एक्ट 1982 के तहत चिटफंड स्कीमें चलाई जाती है. राज्य सरकार इन्हें मान्यता देती हैं लेकिन बंगाल में इसकी आड़ में करोड़ों का घोटाला हो गया था. सरकारी ऑडिट के अनुसार इस घोटाले में जमाकर्ताओं के 1,983 करोड़ डूब गए थे. 2000 के दशक में बिजनेसमैन सुदीप्तो सेन ने शारदा ग्रुप की शुरुआत की थी. शारदा ग्रुप के तहत चार-पांच प्रमुख कंपनियों के अलावा 240 कंपनियां बनाई गई थी इसके तहत कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम जारी की गई जमाकर्ताओं को निवेश के बदले 25 गुना ज्यादा रिटर्न देने का लोकलुभावन वादा किया गया देखते ही देखते 17 लाख निवेशकों से ग्रुप को 2,500 करोड़ रुपए तक जमा कर लिए.
साल 2009 में बंगाल के राजनीतिक गलियारों में शारदा ग्रुप के कथित धोखाधड़ी की चर्चा होने लगी जिसके बाद 2012 में सेबी की नजर इस ग्रुप पर पड़ी और फौरन इस तरह की जमा स्कीमों को बंद करने को कहा गया. 2013 में अचानक स्कीम बंद कर दी गई. 18 पन्नों का लेटर लिखकर सुदीप्तो ने कई नेताओं पर पैसे हड़पने को इसके पीछे वजह बताया. 20 अप्रैल 2013 को सुदीप्तो को गिरफ्तार कर लिया गया शारदा ग्रुप का बिजनेस पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, झारखंड और त्रिपुरा तक में फैला हुआ था. 2014 में सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई सीबीआई ने मामले में कुल 46 एफआईआर दर्ज की थी जिसमें से 3 पश्चिम बंगाल और 43 उड़ीसा में दर्ज हुई थी.