Sobran Dhoti Sari Scheme: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना को शुरू करने जा रहे हैं. यह योजना पहली बार वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुरू की थी तब भी इस योजना की शुरुआत दुमका की धरती से ही हुई थी. 1 वर्ष बाद वर्ष 2015 में रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया था लेकिन सत्ता बदलने के साथ ही हेमंत सोरेन फिर से इस योजना को लागू करने जा रहे हैं.
सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत गरीब बीपीएल परिवारों को एक साड़ी और एक लूंगी अथवा धोती अनुदान की दर मात्र ₹10 में पीडीएस के दुकानों से साल में दो बार मिलेगा. इस योजना से राज्य में लगभग 57.10 लाख बीपीएल परिवारों को अच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य सरकार ने इस पर 200 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है. इस योजना का लाभ सिर्फ वैसे झारखंडवासियों को मिलेगा जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं इसके लिए इन्हें मूलनिवासी पत्र, गरीबी रेखा कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड की आवश्यकता होगी.
बता दें कि, सोना-सोबरन सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन के पिता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा का नाम है जब हेमंत सोरेन पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने अपने दादा के नाम पर इस योजना की शुरुआत की थी इस योजना को शुरू करने के पीछे उद्देश्य है कि गरीब, दलित और आदिवासी परिवारों को पीडीएस के माध्यम से अनुदानित दर पर धोती साड़ी और लूंगी मुहैया कराया जाए खास तौर पर आदिवासी समुदाय का मुख्य परिधान धोती साड़ी और लूंगी है. संताल समुदाय की महिलाएं परिधान के तौर पर साड़ी और लूंगी का इस्तेमाल करती हैं जबकि पुरुष धोती का इस्तेमाल करते हैं. दुमका में इस योजना की शुरुआत के साथ ही बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कई अन्य योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लाभुकों को परिसंपत्तियों का वितरण करेंगे.