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झारखंड के जामताड़ा डीसी फैज़ अहमद मुमताज़ का हो रहा है मीडिया ट्रायल, जानिए पूरी कहानी Jamtara DC Faiz Ahmed Mumtaz

Arti Agarwal

Jamtara DC Faiz Ahmed Mumtaz : झारखंड के जामताड़ा जिले के उपायुक्त फैज़ अक अहमद मुमताज गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित की गई समारोह को लेकर मीडिया ट्रायल का शिकार हो रहे हैं. देश की एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के द्वारा उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान जिसकी बिहार और झारखंड की शाखाओं के द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

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मीडिया संस्थान के द्वारा यह खबरें चलाई जा रही है कि झारखंड के जामताड़ा डीसी फैज़ अहमद तिरंगे को सलामी नहीं दे रहे हैं. इसे लेकर मीडिया संस्थान के द्वारा एक वीडियो भी ट्विटर पर ट्वीट किया गया है. लेकिन उपायुक्त जामताड़ा के द्वारा एक ट्वीट किया गया है जिसमें तिरंगे को सलामी देते हुए कुछ तस्वीरों में दिखाई दे रहे हैं.हकीकत क्या है यह जाने बिना मीडिया संस्थान ने वाह-वाही लूटने के लिए एक ईमानदार और जनता के प्रति समर्पित रहने वाले डीसी को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मुद्दा बनाने की कोशिश तलाश कर रही है ताकि भारतीय जनता पार्टी को वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा मिल सके.

दरअसल, तेलंगाना के कुरनूल के कलेक्टर रहे श्रीधर से जुड़ा भी कुछ ऐसा ही मामला है उन्हें भी एक बार मीडिया ट्रायल का शिकार होना पड़ा था उनपर यह आरोप था कि उन्होंने झंडोत्तोलन के समय राष्ट्रीय ध्वज को सलामी नहीं दे रहे थे. पूरे मामले पर जब श्रीधर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें जो रूल बुक दी गई थी उसमें ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि एक आईएएस अधिकारी को राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देना अनिवार्य है जबकि एक वर्दीधारी व्यक्ति को राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देना अनिवार्य कहा गया है.

मालूम हो कि, फैज अहमद जामताड़ा जिले के उपायुक्त हैं और उन्होंने जिले के दामन पर लगे साइबर क्राइम के दाग को धोने के लिए कई सामाजिक कार्य किया है और कर रहे हैं. जिले के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक पंचायत में लाइब्रेरी खोलने से लेकर उम्र के ढलते पड़ाव को पार कर रहे बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए आश्रय की व्यवस्था भी कर रहे हैं. डीसी फैज अहमद के द्वारा की जा रही कार्यों की प्रशंसा केवल झारखंड में नहीं बल्कि पूरे देश में की जा रही है. कम्युनिटी लाइब्रेरी के जरिए जहां प्रत्येक पंचायत के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल रही है वही समाज में अकेलापन के शिकार हो रहे बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए पुरानी इमारतों को ठीक करके उन्हें छत मुहैया करा रहे हैं. अपने बेहतरीन कार्यों के लिए मशहूर फैज़ अहमद का इस तरह से मीडिया ट्रायल होना अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है.