झारखंड के 18 वर्ष के ऊपर आयु वालों ने कोरोना वैक्सीनेशन का प्रथम डोज लेने के बाद 56.9 लाख लोगों ने दूसरा डोज नहीं ले पाए हैं, राज्य के तीन जिले खूंटी ,सिमडेगा, और गुमला ऐसे जिले हैं जो पहली डोज लेने के बाद दूसरा डोज भी शत-प्रतिशत ले लिया है। बता दें कि राज्य की राज्य के चतरा में 39 फ़ीसदी बोकारो में 33 फिसली और धनबाद के 35 फ़ीसदी लोगों ने पहली डोज के बाद दूसरी डोज नहीं लिया है
एक रिपोर्ट के आधार पर राज्य के 21190901 लोगों ने पहली डोज ले लिया है वही 15497569 लोगों ने ही दूसरा डोस ले पाया है झारखंड के तमाम टीका लेने वालों में से लगभग 26 फ़ीसदी लोगों ने नहीं क्रोनर का दूसरा डोज नहीं लिया है
जानकारों के अनुसार यह मालूम चलता है कि कोरोनावायरस की तीसरी लहर और वर्तमान में पाए जाने वाले मरीज गंभीर रूप से पीड़ित नहीं रहते हैं जिसका मुख्य कारण कोविड का टिका है विशेषज्ञों का कहना है कि टीका के असरदार होने के कारण ही कोरोना से पीड़ित मरीज गंभीर नहीं हो रहे हैं रिम्स के डॉक्टर देवेश ने कहा जिन लोगों ने करोना का दूसरा डोज नहीं ले पाये है उन्हें आवश्यक रूप से दूसरा डोज ले लेना चाहिए।
12 से 14 साल के बच्चों ने 51 फिसदी ही लगा पाए हैं टीका
राज्य के इन छोटे बच्चों का अब तक पहला ही डोज लगा है जो अपने लक्ष्य का 51 फ़ीसदी बच्चों को ही टीका लगे हैं लक्ष की तुलना में सिमडेगा और गुमला ऐसे जिले हैं जो अपने लक्ष्य के लगभग 90 फ़ीसदी बच्चों को टीके की पहली डोज लिया है वहीं रांची में सबसे कम 30 फ़ीसदी बच्चों ने ही टीका दिया है।
10 फ़ीसदी लोगों ने ही लिया है बूस्टर डोज
बूस्टर डोज लेने वाले के कुल 38,28,349 लोगों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन 3,70,199 लोगों ने ही बूस्टर डोज लिया है इन बूस्टर डोज लेने वालों में से हेल्थ केयर वर्करों में सिर्फ 42 फ़ीसदी ने ही बूस्टर डोज लिया है वही फ्रंटलाइन वर्करों में सिर्फ बस 32 फ़ीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लिया है।