HEMANT SOREN : हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई की जा रही है.और हेमंत सोरेन पर फैसला सुनाने जा रहा है।लेकिन समरी लाल की शिकायत पर कोई कार्यवाई नही की जा रही है, चार माह से कोई एक्शन नहीं लिया गया.
बता दें कि समरी लाल पर गलत जाति प्रमाणपत्र के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट से चुनाव जीतने का आरोप है. इस संबंध में वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी सुरेश बैठा का आवेदन भी संलग्न था.
विधानसभा अध्यक्ष ने समिति के फैसले की जानकारी और संवैधानिक प्रावधानों का भी राज्यपाल को लिखे पत्र में जिक्र किया था. इसके मुताबिक ऐसे मामलाें में संविधान के अनुच्छेद 192 में राज्यपाल काे फैसला लेने का अधिकार प्राप्त है. निर्वाचन आयाेग से विमर्श करने के बाद राज्यपाल इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे।
भाजपा विधायक समरी लाल का जाति प्रमाणपत्र रद्द हो गया:
विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि संविधान के अनुच्छेद 371ए के खंड (2) के मुताबिक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कांके सीट पर इसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति ही विधायक बन सकते हैं.समरी लाल का जाति प्रमाण पत्र रद हो गया है. इससे उनकी विधायक रहने की योग्यता प्रभावित हुई है.
हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग के द्वारा त्वरित कार्रवाई कर फैसला सुनाने जा रहा है इस संबंध में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने कहना है कि केंद्रीय एजेंसी और राजभवन एक पक्षी कार्रवाई कर रहा है और लगातार झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन दल के नेताओं ने यह आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा संविधानिक केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर सरकार को गिराने का प्रयास करता रहा है।