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आखिर क्यों न कहें, झारखंडियों के हित और विकास का वादा ही नहीं कर रही हेमंत सरकार बल्कि उसे निभा भी रही है

zabazshoaib
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आखिर क्यों न कहें, झारखंडियों के हित और विकास का वादा ही नहीं कर रही हेमंत सरकार बल्कि उसे निभा भी रही है 1

Ranchi : 2019 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जितने भी चुनावी वादा किए थे, आज कमोवेश सभी को पूरा कर लिया गया है, या अतिम चरण में है. सरकार में आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनावी वादों पर काम शुरू किया, जो सीधे-सीधे राज्य की लाखों जनता के हित से जुड़ा था. यह ऐसे हित थे, जो जिसकी मांग पिछले 22 वर्षों से हो रही है. इसमें सरना धर्म कोड, 1932 के स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाना प्रमुखता से शामिल है.
चुनावी वादों से अलग जनता के हितों को लेकर कई अन्य निर्णय भी लिए गए. इसमें स्वास्थ्य को लेकर झारखंड ह्रदय रोगियों के लिए झारखंड ह्रदय चिकित्सा योजना लाना शामिल है. इसी तरह राजधानीवासियों के हितों के लिए मुख्यमंत्री ने कांटाटोली प्लाईओवर निर्माण काम को भी निर्धारित अवधि तक उतारने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री का यह पहल साफ बताता है कि हेमंत सरकार झारखंडियों के हित में केवल वादा ही नहीं कर रही बल्कि उसे निभा भी रही है.

झारखंड ह्रदय चिकित्सा योजना का लाभ लेने के लिए पहुंचे कैम्प.

हेमंत सोरेन कैबिनेट में पिछले दिनों झारखंड ह्रदय चिकित्सा योजना लागू की गयी. योजना के तहत सरकार ह्रदय रोग का निःशुल्क जांच और निःशुल्क ऑपरेशन कराएगी. इसके तहत सत्य साई हार्ट् हॉस्पिटल (राजकोट और अहमदाबाद) में 3 से 18 वर्ष के आयु के बच्चों और 18 वर्ष से 65 वर्ष तक के व्यस्कों को निःशुल्क जांच एंव उपचार होगा. योजना का लाभ देने के लिए राजधानी के रिम्स सहित सभी जिला मुख्यालयों में आगामी 4 से 6 नवंबर तक शिविर आयोजित किया गया है. लाभुक इस शिविर में आकर योजना का लाभ ले पाएंगे. यानी हेमंत सरकार केवल योजना ही लागू नहीं करा रही, बल्कि उसे पूरा भी कर रही है.

पूर्व की सरकार में राजनीति और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा कांटाटोली प्लाओवर, हेमंत जानते हैं इसकी जरूरत

राजधानीवासियों को जाम से मुक्ति के लिए कांटाटोली प्लाईओवर निर्माण की शुरूआत पांच साल पहले शुरू हुई थी. बाद में यह योजना तत्कालीन सरकार और नगर विकास मंत्री की लापरवाही के कारण राजनीतिक और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी. हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस अधूरे काम को पूरा करने के लिए एक निर्धारित अवधि (अप्रैल 2024) तक निर्धारित कर दी. स्वंय मुख्यमंत्री योजना की समय-समय पर जानकारी लेते रहे हैं. इस कड़ी में उन्होंने दो दिन पहले अचानक ही कांटाटोली प्लाईओवर निर्माण काम का निरीक्षण किया. अधिकारियों को कई सख्य निर्देश दिए. साफ है कि मुख्यमंत्री इस योजना की महत्ता को जानते हैं. वे जानते है कि इससे बनने से रांचीवासियों को कितना फायदा मिलेगा.
निरीक्षण के दौरान हेमंत सोरेन के दिए अहम निर्देश….
• फ्लाईओवर निर्माण कार्य में समयबद्धता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें.
• योजना निर्माण में किसी तरह से भी बालू की कोई कमी नहीं हो.
• 30 नवंबर 2022 तक भू-अर्जन तथा पेट्रोल पंप एवं अन्य अतिक्रमण संबंधित सभी प्रक्रिया का निपटारा किया जाए.
• 15 दिसम्बर 2022 तक विद्युत पोल शिफ्टिंग का काम पूरा हो.
बता दें कि 2240 मीटर यह प्लाईओवर योगदा सत्संग आश्रम, बहुबाजार से कोकर स्थित शांति नगर (वाया कांटाटोली चौक) कर बनाया जाएगा.

राज्य के लाखों आदिवासी – मूलवासी के हित में उठाया गया कदम.

हेमंत सोरेन के निभाये अभी तक के वादों में सबसे प्रमुख वादा लाखों आदिवासी और मूलवासी के हित में लिया गया है. इसमें सरना धर्म कोड और स्थानीयता को परिभाषित करने और ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाने का प्रयास है.


नवंबर 2020 को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास किया जा चुका है. इसे लागू कराने के लिए अब यह प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा गया है, जो विचाराधीन है.


हेमंत कैबिनेट से पिछले दिनों 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण को 14 से 27 प्रतिशत करने को लेकर भी प्रस्ताव पास हुआ था. अब इस प्रस्ताव को झारखंड विधानसभा से पास कराकर केंद्र के पास स्वीकृति भेजने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. सत्र आगामी 11 नवंबर को होगा. यानी साफ है कि हेमंत सोरेन अपने इस वादें को भी पुरा करने जा रहे हैं.

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