Ranchi: झाऱखंड की पहचान अभी तक एक गरीब, पिछड़े राज्य के तौर पर होती रही है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पहचान को खत्म करना चाहते हैं. इसके लिए वे लगातार प्रयासरत है. हालांकि वे यह भी जानते हैं कि पिछले 20 सालों से विपक्ष ने जिस तरह से झारखंड को लुटने का काम किया है, उससे इस समस्या से निजात पाना तत्काल संभव नहीं है. इसलिए धीरे-धीरे एक रणनीति के तहत से ही जीत हासिल हो पाएगी. इसी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री ने ‘खेल’ को हथियार बनाने का काम किया है. मुख्यमंत्री ने दिसम्बर 2021 में सहाय योजना की शुरूआत इसी रणनीति के तहत की थी. बाद में उन्होंने खेल नीति को भी लांच किया. और अब उनके निर्देश पर खेलो झारखंड 2022–2023 खेल प्रतियोगिता की शुरूआत होने जा रही है.
5 से 15 नवंबर तक होगा खेलो झारखंड 2022–2023 खेल प्रतियोगिता का होगा आयोजन.
खेलो झारखंड 2022 – 2023 खेल प्रतियोगिता का आयोजन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य निम्न है.
• बच्चों के बौद्धिक एवं शारीरिक विकास हो.
• स्कूल स्तर पर प्रतिभा खोज कर उन्हें डे बोर्डिंग सेंटर, आवासीय खेल प्रशिक्षण केंद्र तथा राज्य में कर रही रांची स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई सैग) एसएआई से प्रशिक्षण प्रदान कर विभिन्न क्षेत्रों जैसे सशस्त्र बलों और सुरक्षा सेवाओं में रोजगार के अवसर के लिए तैयार करना.
इस खेल का आयोजन आगामी 5 नवंबर यानी शनिवार से 15 नवंबर (राज्य स्थापना दिवस समारोह) तक होगा. इस प्रतियोगिता में एथलेक्टिस, जैवलिन थ्रो, हॉकी, तीरंदाजी, कुश्ती, कबड्डी, वॉलीवॉल, फुटबॉल का आयोजन होगा.
सहाय योजना नक्सल प्रभावित युवाओं को मुख्य धारा से नहीं देगी भटकने.
झारखंड को नक्सलियों से मुक्त करने के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने दिसंबर 2021 को पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा से सहाय योजना की शुरुआत की थी. सरकार ने इसके तहत 14 से 19 साल के करीब 70000 युवाओं को विभिन्न खेलों से जोड़ने का लक्ष्य रखा था. सरकार की सोच थी कि योजना के माध्यम से पांच उग्रवाद प्रभावित जिलों (खूंटी, गुमला, सरायकेला-खरसावां पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा) के युवाओं को खेल के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा, ताकि वे अपनी पहचान बनाकर सकारात्मक जीवन जी पाए. इसके लिए सरकार ने सहाय कप खेल प्रतियोगिता आयोजन करने की भी पहल की थी. यह प्रतियोगिता झारखंड के सभी जिलों में पहले पंचायत स्तर पर होगी, इसके बाद प्रखंड स्तर पर, फिर जिला स्तर पर होगा, अंत में इन पांचों जिलों के बीच अंतर जिला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. जिला एवं राज्य स्तर पर विजेताओं और उप विजेताओं को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित भी किया जाएगा.
खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति, मासिक पेंशन और प्रशिक्षकों को सम्मान राशि.
खेल के साथ खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए हेमंत सरकार ने बीते सितंबर माह को झारखंड खेल नीति 2022 को लांच किया था. नई खेल नीति पांच साल के लिए लागू होगी. नई नीति में खिलाड़ियों को 6,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति, पूर्व खिलाड़ियों को 10,000 रुपये तक मासिक पेंशन, खेल प्रशिक्षकों को 10 लाख रुपये तक की सम्मान राशि का प्रावधान किया गया है. नीति के तहत राज्य सरकार पहली बार स्कूलों में खेल शिक्षकों की बहाली करेगी.
पंचायत से निकायों तक खेल का मैदान बनाने की दिशा में हो रही पहल.
खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए पंचायत से लेकर जिले के निकायों तक खेल का मैदान बनाने की पहल हेमंत सरकार कर चुकी है. पहले ही नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से सभी निकायों से कहा गया है कि वे अपने शहर में खेल के मैदानों को विकसित करने को लेकर विस्तृत प्रस्ताव भेजने का काम करें. कई निकायों ने प्रस्ताव भेजा है. इसपर जल्द ही काम शुरू होगा. पंचायत स्तर पर खेल का मैदान बनाने के लिए वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना सरकार ने शुरू की हुई है.