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1932 Khatiyan: झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति तथा OBC 27% आरक्षण, हेमंत सरकार ने विधानसभा से किया पारित

1932 Khatiyan: झारखंड में 1932 का खतियान (1932 Khatian) ही स्थानीयता का आधार होगा. हेमंत सोरेन  सरकार ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में बिल को विधानसभा (Jharkhand Assembly) से पारित करा लिया. विपक्ष की ओर से इसमें कई संशोधन आये, प्रवर समिति को भेजने का भी प्रस्ताव आया, लेकिन विनोद सिंह के संशोधन को छोड़कर किसी भी प्रस्ताव को मानने से सरकार ने इंकार कर दिया.

झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति तथा एसटी-28%, पिछड़ा-27% और एससी-12% आरक्षण विधेयक  विधानसभा के विशेष सत्र से हुआ पारित किया गया. विधेयक को कानून बनते ही झारखंड में सिर्फ स्थानीय व्यक्ति को ही तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी मिल पायेगी.

झारखण्ड विधानसभा के विशेष सत्र में  विधेयक 1932 खतियान और OBC, SC तथा SC आरक्षण को सरकार द्वारा पारित करा कर अब इस विधेयक को केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा गया. इस दो विधेयक को केंद्र की मंजूरी मिलने से झारखंड वासियों को अलग पहचान मिल पाऐगी.

सीएम हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘हम जेल में रहकर भी आपका सूपड़ा साफ कर देंगे’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी, सीबीआई और जेल से हम डरने वाले नहीं हैं, उन्होंने कहा शिबू सोरेन ने राज्य दिया और उनके पुत्र ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता दी.

बतादें की राज्य बनने के बाद से ही 1932 सर्वे के आधार पर स्थानीयता को लागू करने की मांग होती रही लेकिन राज्य में 15 साल से अधिक सत्ता का सुख भोगने वाली भाजपा और आजसू इसे लागू नहीं कर पाए परन्तु हेमंत सरकार इसे लेकर अडिग रही. यही कारण है की पहले कैबिनेट से इसकी मंजूरी दी और अब विधानसभा से इस प्रस्ताव को पारित किया.

प्रस्ताव के मुताबिक़, उन लोगों को झारखंड का स्थायी निवासी माना जाएगा जिनके पूर्वजों के नाम साल 1932 या उससे पहले का खतियान है. मतलब अंग्रेज़ी हुकूमत में 1932 तक कराए गए जमीनों के सर्वे सेटलमेंट के दौरान इस इलाके में रह रहे परिवार ही झारखंड के डोमिसाइल (स्थानीय) माने जाएंगे.