JHARKHAND NEWS : 15 नवंबर को झारखंड राज्य स्थापना दिवस पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल रमेश बैस नहीं पहुंच पाएं थे। लेकिन झारखंड विधानसभा के स्थापना दिवस पर मंगलवार को राज्यपाल समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे।
इस दौरान राज्यपाल ने इशारों -इशारों में सीएम हेमंत सोरेन नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को कई संदेश देने का काम किया।
विधानसभा परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने कहा कि विधायक प्रतिनिधि संस्थाओं के सदस्य होने के नाते विधान सभा की प्रतिष्ठा और मर्यादा को और उच्च करने में योगदान दें।
उन्होंने कहा कि सदन में बैठकों की कम होती संख्या और कार्यवाही में बढ़ते अवरोध आज चिंता के विषय हैं जिन पर सोचने और आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि जनता के भरोसे पर खरा उतरने के दायित्व के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। जनता की आवाज सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने में जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जनता अपने प्रतिनिधि का चयन बहुत ही आशाओं और विश्वास के साथ करती है। इसलिए जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं के निराकरण एवं क्षेत्र के विकास के लिए उत्तरदायी हैं। एक जनप्रतिनिधि होना बड़े ही सम्मान और विश्वास की बात होती है।
उन्हें सदन में जनता की शिकायतों को रखकर उनकी आवाज बनना चाहिए जिससे सरकार उनके शीघ्र समाधान के लिए उचित कदम उठा सके।
राज्यपाल ने कहा उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित विनोद कुमार सिंह की प्रशंसा करते हुए करते हुए कहा कि वे अपने विधान सभा क्षेत्र के नागरिकों के विभिन्न समस्याओं को सदन में रखने का प्रयास करते हैं।
विनोद सिंह ऐसे जनप्रतिनिधि हैं, जब इनकी कार चोरी हो गई, जो इन्होंने लोन पर लिया था तब जनता ने चंदा इकट्ठा कर कार खरीद कर इन्हें समर्पित किया ताकि इन्हें क्षेत्र भ्रमण करने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इनके पिता महेंद्र सिंह भी एक जुझारू और संवेदनशील जनप्रतिनिधि थे।