TAC Jharkhand: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस झारखंड सरकार की ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) को रद्द कर सकते हैं. ऐसा वह पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत कर सकते हैं और झारखंड सरकार द्वारा बनायी गयी टीएसी नियमावली को असंवैधानिक करार दे सकते हैं. टीएसी को रद्द करने के लिए राजभवन द्वारा कानूनी पहलुओं का अध्ययन करा लिया गया है.
लेकिन साल 2006 में जब छत्तीसगढ़ में भाजपा के रमन सिंह की सरकार आयी थी, तो उस वक्त उन्होंने इसी प्रावधान के तहत वहां की टीएसी नियमावली में संशोधन किया गया था. झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपने एक बयान में यह कहा है कि बीजेपी नेताओं को बताना चाहिए कि हेमंत सरकार के इस पहल पर क्या आपत्ति है. जब रमन सिंह सरकार ने ऐसा किया था, तो केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार थी. उस दौरान किसी तरह का विवाद नहीं आया था.लेकिन आज बिना वजह से बीजेपी नेता विवाद खड़ा कर रहे हैं.
TAC Jharkhand: कोर्ट ने भी रमन सरकार की पहल को ठहराया था सही
सुप्रियो ने कहा कि रमन सरकार की इस पहल के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया था. 2012 में दाखिल इस पीआइएल में सरकार की पहल को चुनौती दी गयी थी.लेकिन कोर्ट ने सुनवाई कर राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णय को जायज ठहराया था. बाद में जब याचिकाकर्ता ने इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, तो वहां भी तीन सदस्यीय बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.
जेएमएम नेता ने कहा कि 2019 में हेमंत सरकार के आने के बाद राज्यपाल के पास दो-दो बार सदस्यों के नामों की सूची भेजने का काम किया था. लेकिन राजभवन से दोनों बार यह प्रस्ताव लौटा दिया गया. बता दें कि रविवार को बीजेपी नेताओं ने रविवार को राज्यपाल से मिलकर हेमंत सरकार के द्वारा नियमावली में किये बदलाव पर आपत्ति दर्ज करायी थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि नियमावली में बदलाव का अधिकार राज्य मंत्रिपरिषद को नहीं है.यह अधिकार राज्यपाल को है. ऐसे में हेमंत सरकार का यह कदम राज्यपाल के अधिकार में सीधा-सीधा अतिक्रमण है.