Giridih News: झारखंड की राजनीति में इन दिनों एक मज़ेदार चीज़ देखने को मिल रही है और वह चीज़ है एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल होना. हालाँकि ऐसा चुनाव के वक्त होता है लेकिन राज्य में कोई चुनाव नहीं है तब भी भाजपा के कई नेता पार्टी को अलविदा कह रहे है.
हाल के दिनों में देखे तो प्रदेश भाजपा के कई ऐसे नेता है जो पार्टी को छोड़ कर झामुमो में शामिल हो रहे है. बात अगर गिरिडीह जिले की करे तो गंडेय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक रहे जय प्रकाश वर्मा ने भाजपा छोड़ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में झामुमो का दामन थामा है. वहीं अब भाजपा गिरिडीह जिला इकाई में महामंत्री के पद पर रहे देवराज ने भी भाजपा को अलविदा कह दिया है झामुमो में शामिल हो गए है.
Giridih News: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवराज को दिलाई पार्टी की सदस्यता, विधायक सुदिव्य कुमार भी रहे मौजूद
झामुमो से गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार के नेतृत्व में देवराज सहित अन्य झामुमो में शामिल हुए है. मुख्यमंत्री ने सभी को पार्टी का पट्टा पहनाकर स्वागत किया है. बता दें कि, राज्य में जब से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने है भाजपा के अंदर ही नेतृत्व को लेकर भयंकर लड़ाई चल रही है. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश भाजपा में कई गुट हो चुके है, बाबूलाल मरांडी को कुछ नेता भले ही प्रदेश नेतृत्व की कामन सौपने की जुगत में हो लेकिन सच्चाई यही है कि रघुवर से लेकर अर्जुन मुंडा, निशिकांत दुबे, अन्नपूर्ण देवी, सीपी सिंह सहित अन्य का गुट में मनमुटाव चल रहा है.
भाजपा के अंदर चल रही मनमुटाव का ही नतीज़ा है की सरकार बनने के 3 साल बाद भी प्रदेश के नेताओं के बीच सदन में नेता प्रतिपक्ष कौन है यह तक तय नहीं किया जा सका है. बाबूलाल मरांडी भले ही मुख्यमंत्री बनने का सपना लेकर भाजपा में शामिल हुए हो परन्तु संविधान के जानकारों के अनुसार सदन उन्हें इस कार्यकाल में भाजपा नेता की मान्यता नहीं देगा. ऐसे में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भाजपा को किसी अन्य नाम पर विचार करने की जरुरत है. इन्ही सब कारणों से पार्टी के कार्यकर्त्ता का मोह भंग हो चूका है और वे राज्य की सत्ताधारी दल झामुमो की तरफ अपना रुख कर चुकी है.