Jharkhand Highcourt: हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य के मेडिकल कॉलेजों, सामुदायिक और प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्रों में आग से बचाव के इंतजाम पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सरकार को 3 सप्ताह में विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सरकार को यह बताने को कहा है कि अस्पतालों में आग से सुरक्षा के लिए क्या क्या इंतजाम किए गए हैं। इंतजाम पर्याप्त हैं या नहीं। इस संबंध में अनुरंजन अशोक ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य अस्पताल आग से सुरक्षित नहीं है।
Jharkhand Highcourt अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है
राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अन्य अस्पतालों में आग से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है। अग्निशमन यंत्रों का मियाद खत्म हो गया है। कई तकनीकी खराबी भी रहती है। सदर अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आग से बचाव का इंतजाम नहीं है। अदालत से इस मामले की जांच करा कर अविलंब आग से निपटने की इंतजम करने का निर्देश देने का आग्रह अदालत से किया गया है ताकि आपात स्थिति में किसी भयानक हादसे के दौरान जान माल की क्षत्ति न हो। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
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गौरतलब है कि जनवरी से अब तक झारखंड में आग लगने की कई दर्दनाक घटनाएं हुई हैं जिनमें 2 दर्जन से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जनवरी 2023 में धनबाद के हाजरा अस्पताल में आग लगने से डॉक्टर दंपत्ति सहित 6 लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी। 1 फरवरी 2020 को धनबाद के आशीर्वाद टावर नामक इमारत में आग लगने से 14 लोगों की जान चली गई थी। 13 अप्रैल 2023 को देवघर एम्स में आग लग गई। गनीमत रही कि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। ऐसी घटनाओं ने सोचने को मजबूर किया कि बड़ी इमारतों में जहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं चाहे वो अपार्टमेंट्स हो या अस्पताल, आग से सुरक्षा के क्या उपाय हैं। हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लेकर सरकार से जरूरी इंतजाम करने को कहा है।