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सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन संगठनों का 2024 के लिए आह्वान – भाजपा भगाओ, लोकतंत्र, संविधान और देश बचाओ

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सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन संगठनों का 2024 के लिए आह्वान - भाजपा भगाओ, लोकतंत्र, संविधान और देश बचाओ 1

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी सभी राजनीतिक दलों की ओर से शुरू हो गई है। 2024 के चुनाव में विपक्षी दल बीजेपी को घेरने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। विपक्षी एकजुटता की बात हो रही है और इसको लेकर प्रयास भी जारी है। भारत में विपक्षी एकता पर एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने भी वॉशिंगटन में कहा कि एकजुट विपक्ष बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में हरा देगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अलग-अलग दलों से मुलाकात कर रहे हैं। विपक्ष की ओर से रणनीति तैयार करने के लिए बिहार में एक बैठक भी हो रही है। विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से यह कहा जा रहा है कि मिलकर लड़ेंगे तो बीजेपी को हराया जा सकता है। रणनीति 2024 की तैयार हो रही है।
इसी क्रम में लोकतंत्र बचाओ समागम का आयोजन किय गया जिसमें कहा गया कि भाजपा-आरएसएस द्वारा लोकतंत्र, राष्ट्र, संविधान और नागरिकता की अवधारणा और संरचना को खंडित और विकृत किया जा रहा है। भारत की संवैधानिक अवधारणा को बदल कर हिन्दू राष्ट्र बनाने की पहल हो रही है. मुसलमानों, अन्य अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, लोकतांत्रिक आंदोलनकारियों तथा भाजपा विरोधी दलों पर दमन चल रहा है. सीबीआई, ईडी, आईटी भाजपाइयों की सुरक्षा और विपक्षियों को डराने की एजेन्सी में बदल दी गयी है. धार्मिक बहुसंख्यकवाद का सांस्कृतिक राजनीतिक उभार मुस्लिमों, ईसाइयों, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं पर नफरत, उत्पीड़न और उपेक्षा की मार तीखा करता गया है. मेहनतकश वर्ग के जनाधिकारों पर लगातार हमला हो रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य और मनरेगा में कटौती कर मोदी सरकार ने मेहनतकश वर्ग, मज़दूर और किसान पर सीधा हमला किया है. सामाजिक सुरक्षा को कमज़ोर किया जा रहा है. महगाई और बेरोज़गारी चरम पर है.
मोदी सरकार चंद कॉर्पोरेट घरानों अडानी-अम्बानी के लिए देश के संसाधनों व कंपनियों को एक-एक करके बेच रही है या इनके हाथ कर दे रही है. आदिवासियों के जल, जंगल, ज़मीन, खनिज की लूट और तीव्र हो गयी है. हाल में अडानी के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो भ्रष्टाचार उजागर हुआ है उसे दबाने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. यह सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं है बल्कि मोदी-अडानी की जोड़ी द्वारा देश को लूटने की एक गहरी साजिश की ओर इशारा भी करता है. लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के दो प्रमुख लक्ष्य हैं पहला तात्कालिक लक्ष्य है वर्तमान देश विरोधी, अलोकतांत्रिक भाजपा को आगामी आम चुनाव में सत्ता से बाहर करना है. अभियान का दूसरा दूरगामी उद्देश्य है भारतीय संविधान द्वारा स्थापित ” आइडिया ऑफ इंडिया” को सरंक्षित कर लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी राष्ट्र को विकसित करना. उन्होंने कहा कि लोगों को मूल मुद्दों – दवाई, पढाई, कमाई और महंगाई – पर संगठित करना होगा. भाजपा
पूरे देश मे भाजपा की जन विरोधी नीतियों से आदिवासी- दलित शोषित है. वर्तमान में झारखंड में जन मुद्दों 1932 खतियान आधारित डोमिसायिल, भाषा आधारित पहचान आदि पर कई समूह व संगठन संघर्षरत हैं. भाजपा को हारने के लिए इन सब समूहों व संगठनों को साथ आना होगा. भाजपा ‘फूट डालो, शासन करो’ की नीति पर चल रही है चाहे हिन्दू-मुसलमान हो, सरना- ईसाई आदिवासियों के हो या कुड़मी आदिवासियों के बीच हो.

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भाजपा द्वारा लोगों को जन मुद्दों से भटका के धार्मिक बहुसंख्यकवाद में फंसाया जा रहा है. प्रतिनिधियों ने अगले कुछ महीनों में भाजपा के असली चेहरे को उजागर करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों / राज्य-वार यात्रा व जन संपर्क कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया.
लोकतंत्र को बचाने के लिए 2024 में भाजपा को हराना है. गैर भाजपा दलों से अपील कि गई कि वे सुनिश्चित करें कि विपक्ष के वोट का बिखराव नहीं हो और उनकी ओर से साझा उम्मीदवार दिया जाए. यह भी आह्वान है। कि गैर भाजपा दल जन मुद्दों के पक्ष में एवं धार्मिक बहुसंख्यकवाद का विरोध करते हुए अपना राजनीतिक अभियान चलायें. सभी प्रतिभागियों की ओर से दलित, आदिवासी व पिछड़े समुदायों से अपील है कि वे संगठित होकर भाजपा का विरोध करें एवं आतंरिक विभाजन से बचें. साथ ही, विभिन्न विचारधाराओं – गांधीवादी, समाजवादी, अम्बेडकरवादी, आदिवासी पहचान आधारित, मार्क्सवादी- लेनिनवादी आदि – के संगठनों से अपील है कि वे इस लोकतंत्र बचाने के मुहिम में साथ आएं. हमें यकीन है कि झारखंड में सभी आदिवासी-मूलवासी – वंचित अपने जल, जंगल, ज़मीन, खनिज, संस्कृति, स्वशासन और जन अधिकारों के लिए एकजुट होंगे एवं भाजपा को 2024 में सभी 14 लोकसभा सीट से हराएंगे.

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