झारखंड में नगर निकाय चुनाव की अड़चन समाप्त करने के लिए सरकार ने अहम निर्णय लिया है। निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण तय करने के लिए झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को अधिकृत करते हुए अधिसूचित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी भी दे दी गई। बैठक में कुल 43 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
नगर निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए आयोग आरक्षण की पात्रता सुनिश्चित कर अनुशंसा करेगा। झारखंड में निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण तय नहीं हो पाने के कारण लंबित है। सरकार इसे जल्द पूरा करा लेना चाहती है। हालांकि आयोग को रिपोर्ट देने के लिए समय सीमा तय नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार ने यह निर्णय लिया है।
झारखंड में गठित पिछड़ा वर्गों के के लिए राज्य आयोग को निकाय चुनावों के लिए आवश्यक ट्रिपल टेस्ट कराने के लिए अधिकृत तो कर दिया गया है, लेकिन इसके अध्यक्ष और कई सदस्य नहीं हैं। करीब दो वर्षों से आयोग में कोई सदस्य भी नहीं है। आयोग में एक अध्यक्ष, दो सदस्य और एक समाज विज्ञानी का पद निर्धारित है।