Utrakhand tunnel: उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में दीपावाली के दिन 12 नवंबर से फंसे सभी 41 मजदूरों को बाहर निकल लिया गया है. पहला मजदूर शाम 7.50 बजे बाहर निकाला गया था. 45 मिनट बाद रात 8.35 बजे सभी को बाहर निकाल लिया गया। सभी को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया. मजदूर 418 घंटे तक टनल में फंसे रहे। रेस्क्यू टीम के सदस्य हरपाल सिंह ने बताया कि शाम 7 बजकर 5 मिनट पर पहला ब्रेक थ्रू मिला था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाहर निकाले गए श्रमिकों से बात की. उनके साथ केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी थे. रेट स्नेपर्स वाली कंपनी नवयुग के मैन्युअल ड्रिलर नसीम ने कहा- सभी मजदूर स्वस्थ्य हैं. मैंने उनके साथ सेल्फी ली. उन्होंने बताया कि जब आखिरी पत्थर हटाया गया तो सभी मजदूरों ने जयकारे लगाए. रेस्क्यू के बाद मजदूरों को 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया गया. वहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है. टनल से चिन्यालीसोड तक की सड़क को ग्रीन कॉरिडोर घोषित किया गया था, जिससे रेस्क्यू के बाद मजदूरों को लेकर एम्बुलेंस जब अस्पताल जाए तो ट्रैफिक में न फंसे. यह करीब 30 से 35 किलोमीटर की दूरी है. इसको करीब 40 मिनट में तय किया गया.
Utrakhand tunnel Rescue: सुरक्षित निकले झारखंड के सभी 15 मजदूर, सीएम हेमंत सोरेन ने किया हौसले को सलाम
400 घंटे की जंग के बाद झारखंड के सभी 15 मजदूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि “हमारे 41 वीर श्रमिक उत्तराखण्ड में निर्माणाधीन सुरंग की अनिश्चितता, अंधकार और कपकपाती ठंड को मात देकर आज 17 दिनों के बाद जंग जीतकर बाहर आये हैं. आप सभी की वीरता और साहस को सलाम. जिस दिन यह हादसा हुआ उस दिन दीपावली थी, मगर आपके परिवार के लिए आज दीपावली हुई है। आपके परिवार और समस्त देशवासियों के तटस्थ विश्वास और प्रार्थना को भी मैं नमन करता हूँ. इस ऐतिहासिक और साहसिक मुहिम को अंजाम देने में लगी सभी टीमों को हार्दिक धन्यवाद. देश के निर्माण में किसी भी श्रमिक की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. प्रकृति और समय का पहिया बार-बार बता रहा है कि हमारी नियत और नीति में श्रमिक सुरक्षा और कल्याण महत्वपूर्ण भूमिका में रहे.”
इधर, उत्तरकाशी में तैनात झारखंड श्रम नियोजन विभाग के संयुक्त श्रमायुक्त सह जमशेदपुर के उपश्रमायुक्त राकेश प्रसाद ने बताया उत्तराखंड सुरंग से सभी मजदूर सुरक्षित निकाल लिए गए हैं. इन मजदूरों को 24 घंटे डॉक्टर की निगरानी में रखा जाएगा. उसके बाद हीमजदूरों को संबंधित राज्यों और बाद में जिले में भेजा जाएगा. आपको बता दें कि मजदूरों के सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद परिजनों ने दिवाली मनायी और खुशी का इजहार किया. रांची के तीन, खूंटी के तीन, गिरिडीह जिले के बिरनी के दो, पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक और पूर्वी सिंहभूम से छह मजदूर सुरंग में फंसे हुए थे.