झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के जोनल प्रवक्ता डॉ. जमाल अहमद ने झारखंड में चुनाव पांच चरणों में होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणाम से डबल इंजन की सरकार डर गई है, इसलिए झारखंड में येन-केन प्रकारेण चुनाव जीतने के लिए चुनाव की घोषणा पांच चरणों में करवाई गई है
जबकि, महाराष्ट्र में 288 और हरियाणा में 90 सीटों पर एक साथ एक ही दिन में चुनाव संपन्न हुए थे, तो झारखंड में क्यों नहीं हो सकते? इससे पता चलता है कि केंद्र एवं राज्य की सरकार अपनी असफलताओं की वजह से डरी हुई है। पिछले दिनों चुनाव आयोग की बैठक में संपूर्ण विपक्ष एक साथ चुनाव कराने की मांग की थी जबकि सत्ता पक्ष पांच चरणों में चुनाव कराना चाहती थी और उनकी बात ही मानी गई इससे पता चलता है कि कितनी निष्पक्षता से सरकार को चुनाव कराने का मंसूबा है। इस घोषणा से ये भी पता चलता है कि प्रदेश में नक्सली समस्या जस की तस बनी हुई है। रघुवर सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी और भूखमरी अहम मुद्दा है। 8 लाख राशन कार्ड के आवेदन विभाग के पास पेंडिंग हैं, जबकि सरकार कुपोषण खत्म करने की बात करती है। झारखंडी जनता में फैले आक्रोश से बचने के लिए एक चरण में चुनाव ना कराकर पांच चरणों में चुनाव कराया जा रहा है, ताकि सत्ता का लाभ लिया जा सके, लेकिन जनता इनके मंसूबे को कुचल देगी और उनका पांच चरणों के चुनाव के साथ सत्ता में आने का मंसूबा धरा का धरा ही रह जाएगा।