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Jharkhand Cabinet की बड़ी घोषणाएं: युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगों और सैनिक परिवारों के लिए राहत और बदलाव का ऐलान

Megha Sinha

Jharkhand Cabinet की बड़ी घोषणाएं: युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगों और सैनिक परिवारों के लिए राहत और बदलाव का ऐलान कैबिनेट की हालिया बैठक में लिए गए फैसलों की फेहरिस्त सिर्फ प्रशासनिक आदेशों की सूची नहीं, बल्कि यह तय करती है राज्य के आम नागरिक की आने वाली ज़िंदगी की दिशा। एक ओर वीरगति को प्राप्त अर्धसैनिक बलों के आश्रितों के लिए सरकार ने सेवा में नियुक्ति और विशेष अनुदान की स्वीकृति दी, तो दूसरी ओर ऐसे चिकित्सकों को बर्खास्त किया गया, जो अपनी सेवा की गरिमा पर खरे नहीं उतर सके। सवाल यह है – क्या ये फैसले प्रशासनिक जवाबदेही की ओर बढ़ते कदम हैं या फिर इन निर्णयों के पीछे कोई बड़ी राजनीतिक रणनीति छिपी है?

राज्य सरकार ने जहां एक ओर शहीद अर्धसैनिक बल कर्मियों के परिजनों को सरकारी नौकरी और विशेष सहायता की स्वीकृति दी, वहीं बोकारो, जमशेदपुर और कसमार के तीन चिकित्सा पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने का बड़ा फैसला भी सुनाया। ये सभी निर्णय बताते हैं कि राज्य अब सेवा की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेगा। साथ ही, न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाते हुए डाल्टनगंज में SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत विशेष न्यायालय के गठन को भी मंजूरी दे दी गई है।

शिक्षा विभाग की तरफ से उर्दू शिक्षकों के 4339 नए पदों का सृजन और दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष शिक्षा सहायक आचार्य की नियुक्ति से यह साफ है कि राज्य की नज़र अब सामाजिक समावेशन पर है। वहीं ‘अटल मोहल्ला क्लीनिक’ योजना का नाम बदलकर ‘मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक’ करने की स्वीकृति बताती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में न सिर्फ संवेदना, बल्कि ब्रांडिंग और पहुँच की नई सोच शामिल की जा रही है। साथ ही, SAG योजना के तहत किशोरी बालिकाओं को बेहतर पोषण देने के लिए MFEDF सप्लायर्स की मनोनीत एजेंसी चयन की प्रक्रिया को नियमों में ढील देकर पारदर्शिता के साथ लागू किया गया।

राज्य के पुलिस, सिपाही और उत्पाद सिपाही की संयुक्त भर्ती नियमावली 2025 बनाते हुए पूर्व प्रकाशित विज्ञापनों को रद्द करना, पहले के अभ्यर्थियों को शुल्क माफी और उम्र सीमा में छूट देना – यह सब दिखाता है कि सरकार बेरोजगार युवाओं की आवाज़ को अब अनसुना नहीं कर सकती। साथ ही, झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक 2025 की स्वीकृति देकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार प्रस्तावित किया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये घोषणाएं ज़मीनी स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लेकर आएंगी या फिर सिर्फ कागज़ी घोषणाओं तक सीमित रहेंगी?