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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने खेतों में जाकर किसानों से संवाद किया, कृषि को बताया राज्य और संस्कृति की रीढ़

Megha Sinha

Ramgarh Nemra: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रामगढ़ के नेमरा स्थित अपने पैतृक आवास से निकलकर सीधे खेतों का रुख किया और किसानों के बीच पहुंचकर धान रोपनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कृषि सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ ही नहीं है, बल्कि हमारी अस्मिता, संस्कृति और परंपरा की पहचान भी है। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी खुशहाली के बिना राज्य और देश की प्रगति संभव नहीं है, इसलिए सरकार पूरी तरह से किसानों को सशक्त और समर्थ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बारिश के मौसम में खेतों की हरियाली देख मुख्यमंत्री ने धान की बुवाई कर रही स्थानीय ग्रामीण महिलाओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत से ही खेतों में हरियाली आती है और जब फसल लहलहाएगी, तो वह किसानों के चेहरे पर मुस्कान भी लेकर आएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महिलाओं की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि वे कृषि के असली नायक हैं।

खेती-किसानी से जुड़े किसानों की समस्याओं को समझने के लिए मुख्यमंत्री ने सीधे किसानों से बातचीत की। उन्होंने किसानों की दिक्कतें सुनीं और आश्वासन दिया कि उनकी परेशानियों का समाधान सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं किसानों के लिए उपलब्ध हैं, जिनसे जुड़कर वे अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन योजनाओं का लाभ जरूर उठाएं।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दोहराया कि सरकार किसानों को खुशहाल बनाने के लिए सदैव तत्पर है और उनकी भलाई से ही राज्य और देश का विकास संभव है। उन्होंने किसानों के प्रति अपना संकल्प जताते हुए कहा, “किसान खुशहाल होगा तभी हमारा राज्य और देश सशक्त बनेगा।” इस मौके पर किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता साफ देखी गई, जो मुख्यमंत्री की इस पहल को सराहते हुए उत्साहित थे।