Skip to content
Garhwa
Garhwa

Garhwa में दर्दनाक हादसा — सेप्टिक टैंक में उतरे तीन सगे भाइयों समेत चार की मौत, गांव में मातम

Megha Sinha
Garhwa
Garhwa

Garhwa के नवादा गांव में शुक्रवार की सुबह एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस के कारण दम घुटने से तीन सगे भाइयों समेत चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में मोती चौधरी के तीन पुत्र — अजय चौधरी (50), चंद्रशेखर चौधरी (42) और राजू शेखर चौधरी (55) — तथा गांव के ही मल्टू राम शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राजू शेखर चौधरी के घर में नया सेप्टिक टैंक तैयार हुआ था और उसका सेटिंग खोलने का काम चल रहा था। सबसे पहले मल्टू राम नीचे उतरे, लेकिन काफी देर तक वापस न आने पर एक-एक कर तीनों भाई भी नीचे उतरे, और फिर चारों ही बाहर नहीं लौटे।

ग्रामीणों ने जब स्थिति गंभीर देखी तो शोर मचाकर लोगों को इकट्ठा किया और कड़ी मशक्कत के बाद सभी को टैंक से बाहर निकाला गया। उन्हें तुरंत गढ़वा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल परिसर में परिजनों की चीख-पुकार गूंज उठी और मातम का माहौल छा गया। हादसे की खबर मिलते ही एसडीओ संजय कुमार, एसडीपीओ नीरज कुमार और गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

ग्रामीणों का मानना है कि टैंक में जहरीली गैस भरने से यह हादसा हुआ। यह घटना एक बार फिर चेतावनी देती है कि बंद टैंकों, कुओं या गड्ढों में बिना सुरक्षा उपकरण और उचित वेंटिलेशन के उतरना बेहद खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञ भी समय-समय पर ऐसे हादसों से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह देते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और लापरवाही ऐसी त्रासदियों को जन्म देती है। गढ़वा का यह हादसा न केवल एक परिवार की अपूरणीय क्षति है, बल्कि प्रशासन और समाज के लिए भी एक गंभीर सबक है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी कितनी बड़ी जानलेवा गलती बन सकती है।