

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब राज्य का शिक्षा मंत्रालय सीधे मुख्यमंत्री Hemant Soren के पास चला गया है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने अधिसूचना जारी कर जानकारी दी कि पूर्व में आवंटित विभागों के साथ-साथ अब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और निबंधन विभाग की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री के पास होगी। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री न केवल राज्य के अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालय देखेंगे बल्कि अब शिक्षा विभाग की बागडोर भी उन्हीं के हाथों में होगी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब झारखंड का शिक्षा तंत्र कई चुनौतियों से गुजर रहा है—शिक्षकों की कमी, अधूरी इमारतें, संसाधनों का अभाव और योजनाओं की धीमी रफ्तार जैसी समस्याएं छात्रों की पढ़ाई पर असर डाल रही हैं। ऐसे में अब पूरे राज्य की निगाहें इस बात पर होंगी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग को प्राथमिकता दें, तो इससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में पढ़ाई की तस्वीर बदल सकती है।
सरकार की अधिसूचना के अनुसार यह जिम्मेदारी तत्काल प्रभाव से लागू होगी। अब राज्यपाल के आदेश से जारी अधिसूचना को सभी विभागाध्यक्षों, सचिवों और संबंधित अधिकारियों तक भेजा गया है। इस कदम को सत्ता समीकरण और प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा फैसला माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शिक्षा को लेकर कितनी गंभीरता दिखाते हैं और राज्य के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए कौन-से ठोस कदम उठाते हैं।




