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Jharkhand में नई बालू नीति लागू, मुख्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश – सितंबर तक पूरी हो नीलामी प्रक्रिया

Megha Sinha

Jharkhand : रांची से बड़ी खबर आ रही है, जहां मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने सभी उपायुक्तों को आदेश दिया है कि राज्य के तमाम व्यावसायिक बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया सितंबर के पहले पखवाड़े तक हर हाल में पूरी की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नीलामी से पहले उपायुक्त नई नीति की बारीकियों को अच्छे से समझ लें, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो और किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कत सामने न आए। श्रीमती तिवारी ने खनन पदाधिकारियों और उपायुक्तों को प्रशिक्षण की भी जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के लोगों को उचित मूल्य पर बालू आसानी से उपलब्ध हो और अवैध कारोबार पर पूरी तरह लगाम लगे।

इस बैठक में खान सचिव अरवा राजकमल और खान निदेशक राहुल सिन्हा ने भी उपायुक्तों की भूमिका को बेहद अहम बताते हुए कहा कि नीलामी में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि नीलामी प्रक्रिया का मॉक ड्रिल कराया जाए, ताकि अधिकारियों और बोली लगाने वालों दोनों को पूरी तरह से नियमों की जानकारी रहे। इतना ही नहीं, ज़रूरत पड़ने पर हेल्पलाइन भी शुरू करने पर जोर दिया गया, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और इच्छुक प्रतिभागियों को सुविधा मिल सके।

वहीं, अधिकारियों ने साफ किया कि 15 अक्टूबर के बाद ग्रीन ट्रिब्यूनल का प्रतिबंध हटते ही खनन कार्य सुचारू रूप से शुरू हो सकेगा। नई नीति के तहत बालू घाटों को दो श्रेणियों में बांटा गया है – पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्र वाले घाट ग्राम सभा के अधीन होंगे जबकि बड़े घाटों की नीलामी राज्य सरकार करेगी। कुल 374 छोटे घाट और 60 बड़े समूह बनाए गए हैं। एक व्यक्ति को एक हजार हेक्टेयर से अधिक का घाट या दो से ज्यादा समूह का ठेका नहीं मिलेगा। पर्यावरण और तकनीकी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई, ताकि आने वाले समय में झारखंड में न तो बालू की किल्लत हो और न ही अवैध कारोबार की गुंजाइश बचे।