Ranchi के मोरहाबादी मैदान में सोमवार को करम पूर्व संध्या समारोह-2025 बड़े ही उत्साह और पारंपरिक माहौल में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और राज्यवासियों को करम महोत्सव की हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि करम पर्व हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का प्रतीक है, जिसे हमें पूरी श्रद्धा और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें एक समृद्ध परंपरा सौंपी है, जिसे एकजुट होकर संरक्षित और मजबूत बनाना सभी की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के लोग दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखते हैं। हालांकि कई बार नीतियों और परिस्थितियों के कारण समाज बिखरता नजर आता है, लेकिन वर्तमान पीढ़ी विभिन्न मंचों और माध्यमों से अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूती दे रही है। उन्होंने कहा कि इसी एकजुटता के बल पर समाज आगे बढ़ेगा और राज्य का भविष्य और भी उज्ज्वल बनेगा।

करम महोत्सव को लेकर पूरे राज्य में उत्साह का माहौल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव-गांव, मोहल्लों और टोलों में लोग पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ इस पर्व को मना रहे हैं। सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि देश और विदेश में बसे आदिवासी समुदाय के लोग भी करम पर्व को धूमधाम से मना रहे हैं। मोरहाबादी मैदान में हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए और पारंपरिक गीत-संगीत से वातावरण को उल्लासपूर्ण बना दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों से अपील की कि वे करम महोत्सव जैसे पर्वों को अपनी एकजुटता और सामाजिक सामंजस्य का माध्यम बनाएं।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार लगातार आदिवासी समाज की समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें सफलता तभी मिलेगी जब समाज के सभी लोग एक साथ मिलकर राज्य के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को हर हाल में आगे बढ़ाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने सभी झारखंडवासियों को करम महोत्सव की शुभकामनाएं दी और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी आयोजकों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर मंत्री श्री चमरा लिंडा, विधायक श्री जिगा सुसारन होरो सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
