

Ranchi स्थित झारखंड मंत्रालय सभागार में मंगलवार को आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण सह मेधा सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए कई बड़े ऐलान किए। इस अवसर पर उन्होंने 975 नवनियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों, सहायक आचार्यों और प्रयोगशाला सहायकों को नियुक्ति पत्र सौंपा। साथ ही जैक, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के टॉपर्स, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय और आकांक्षा कोचिंग के सफल विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाना सरकार की प्राथमिकता है और इसी दिशा में लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल पढ़ाई-लिखाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य और समाज की प्रगति का आधार है। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों को आधुनिक और संसाधनयुक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं, ताकि यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी भी निजी विद्यालयों के छात्रों के बराबरी कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना और झारखंड ई-शिक्षा महोत्सव-2025 का शुभारंभ भी किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से ही झारखंड एक अग्रणी और मजबूत राज्य बन सकता है।

मुख्यमंत्री ने समारोह में सबसे बड़ा ऐलान नेतरहाट आवासीय विद्यालय को को-एजुकेशन संस्थान बनाने का किया। अब यहां लड़कियों का भी नामांकन होगा। साथ ही नेतरहाट की तर्ज पर राज्य में तीन और विद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब यह विद्यालय सीबीएसई से संबद्ध है और यहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है, जिससे सरकारी विद्यालयों के बच्चे भी प्रतिस्पर्धा में निजी विद्यालयों से पीछे न रहें। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों की सफलता का भी उन्होंने उल्लेख किया और बताया कि अब यहां नामांकन के लिए होड़ मची हुई है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बोर्ड टॉपर्स को 3 लाख रुपये की राशि, लैपटॉप, स्मार्टफोन और स्कूटी दी जा रही है। वहीं, विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रों को 100% स्कॉलरशिप और गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 15 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। विभिन्न छात्रवृत्तियों की राशि भी बढ़ाई गई है ताकि बच्चों को पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास तभी सफल होंगे जब पूरा समाज एकजुट होकर राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में अपनी भूमिका निभाए।







