

Ranchi झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने आखिरकार सात साल पुराने वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। आयोग ने छठी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा की तिथि घोषित कर दी है, जो अब 5 और 6 दिसंबर 2025 को आयोजित होगी। 2018 में निकले विज्ञापन के बाद से उम्मीदवार इस परीक्षा का इंतज़ार करते-करते थक चुके थे। इस बीच राज्य में सरकारें बदलीं, उम्मीदवारों के जीवन में बड़े बदलाव आए, लेकिन परीक्षा का कैलेंडर बार-बार आगे खिसकता रहा। अब जाकर आयोग ने परीक्षा की घोषणा की है, जिसे उम्मीदवार “मेहरबानी” से कम नहीं मान रहे।
दरअसल, JPSC की परीक्षा प्रक्रिया को लेकर उम्मीदवारों की शिकायतें नई नहीं हैं। कई बार संभावित तिथियाँ घोषित की गईं लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से परीक्षाएँ टल गईं। अदालतों में मामले, संशोधित विज्ञापन, और प्रशासनिक खींचतान के चलते परीक्षा लगातार स्थगित होती रही। उम्मीदवारों का कहना है कि “इतनी बार तिथि बदली गई कि तारीखें भी बूढ़ी हो गईं।” सोशल मीडिया पर कई परीक्षार्थियों ने तंज कसते हुए लिखा—“अगर समय पर परीक्षा होती तो अब तक हम खुद कलेक्टर बन चुके होते।”
इस बार घोषित कैलेंडर के अनुसार कुल 508 पदों पर नियुक्ति होगी, जिनमें उप-समाहर्ता के 28 पद भी शामिल हैं। लेकिन इन पदों के लिए सात साल तक इंतज़ार करना पड़ा है। कई परीक्षार्थी मज़ाक में इसे UPSC से भी कठिन मान रहे हैं, क्योंकि “UPSC कम से कम हर साल परीक्षा तो कराता है।” उम्मीदवारों के बीच JPSC को लेकर नया नाम भी वायरल हो गया है—“Just Pending Service Commission।”
हालांकि आयोग का कहना है कि परीक्षाएँ तय कार्यक्रम के अनुसार कराने की तैयारी है, लेकिन उसने यह भी जोड़ दिया है कि तिथियाँ परिस्थितियों के अनुसार बदल सकती हैं। यानी उम्मीदवारों को अब भी थोड़ा सतर्क रहना होगा। फिर भी, इस बार अगर परीक्षा सचमुच दिसंबर में हो जाती है तो यह रिकॉर्ड बनेगा—क्योंकि यह भारत की सबसे लंबी ‘विज्ञापन से परीक्षा तक की यात्रा’ के रूप में इतिहास में दर्ज होगी।




