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Jharkhand wheather update: भारी बारिश का कहर: झारखंड में 15 से 17 सितंबर तक वज्रपात और जलभराव का खतरा

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Jharkhand में एक बार फिर आसमान से आफत बरसने वाली है। मौसम विभाग ने 15 से 17 सितंबर 2025 तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया और सक्रिय मानसून ट्रफ के कारण बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है। विशेषकर विश्वकर्मा पूजा के दिन यानी 17 सितंबर को भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विभाग ने इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। यह बारिश सिर्फ सामान्य मौसमी घटना नहीं होगी, बल्कि कई इलाकों में जलभराव, यातायात अव्यवस्था और किसानों की फसलों पर असर डाल सकती है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान बताता है कि इस अवधि में झारखंड के ज्यादातर हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा रहेगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में और अधिक सतर्कता जरूरी होगी।

15 सितंबर को सिमडेगा, खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, देवघर, साहेबगंज, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा और धनबाद जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 16 सितंबर को इसका असर हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज में दिख सकता है। वहीं 17 सितंबर को चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज जिलों में तेज बारिश और वज्रपात का खतरा है। राजधानी रांची में भी 19 सितंबर तक बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। बीते 24 घंटों में शहर में 12 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। विश्वकर्मा पूजा पर रांची में भी बारिश और वज्रपात की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने साफ किया है कि खराब मौसम में घरों से बाहर निकलने से बचना चाहिए और बिजली के खंभों, पेड़ों तथा खुले स्थानों से दूरी बनाकर रहना चाहिए।

दुर्गा पूजा पर भी मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी दी है। पिछले 24 घंटे में कोडरमा के चंदवारा में सबसे ज्यादा 71.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में जलभराव और नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने का खतरा है। बारिश जहां किसानों के लिए राहत भी ला रही है, वहीं त्योहारों के दौरान इसका असर आम जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। प्रशासन ने सभी जिलों के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। विशेषकर निचले इलाकों और कच्चे मकानों वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के इंतजाम मजबूत करने की जरूरत है। बिजली गिरने से हर साल राज्य में कई लोगों की जान जाती है, ऐसे में इस बार पहले से अधिक सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

अगर पूरे सीजन की बात करें तो झारखंड में 1 जून से 13 सितंबर तक औसतन 1077.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य आंकड़ा 906.9 मिमी का है। इस लिहाज से अब तक राज्य में सामान्य से 19% अधिक वर्षा हुई है। हालांकि, यह बढ़ोतरी सभी जिलों में समान नहीं रही है। पूर्वी सिंहभूम में अब तक 1564.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 60% अधिक है। सिमडेगा में 1186.3 मिमी और चाईबासा में 1173.1 मिमी बारिश हुई है, जो औसत से अधिक है। गिरिडीह, लातेहार और सरायकेला-खरसावां में भी सामान्य से ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है। दूसरी ओर पाकुड़ जिले में केवल 756.3 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 26% कम है। देवघर और गढ़वा में भी क्रमशः 11% और 6% कम वर्षा दर्ज की गई है। इन आंकड़ों से साफ है कि झारखंड में बारिश का वितरण असमान है। कहीं बाढ़ जैसे हालात हैं तो कहीं सूखे की मार। इस बदलते मौसम का असर खेती से लेकर आम जनजीवन तक गहराई से पड़ रहा है। आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए राज्यवासियों को अलर्ट रहना होगा।