

Jharkhand News : झारखंड की राजधानी रांची में अब परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर राजधानी के तीन प्रमुख बस स्टैंड — आईटीआई बस स्टैंड, सरकारी बस डिपो और खादगढ़ा स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल — को अत्याधुनिक तकनीक और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर कुल 48.72 करोड़ रुपये की लागत से काम होगा। आईटीआई बस स्टैंड के पुनर्विकास पर 24.77 करोड़, सरकारी बस डिपो पर 20.19 करोड़ और बिरसा मुंडा बस टर्मिनल पर 3.76 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार ने जुडको (JUIDCO) को निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस परियोजना का डीपीआर नई दिल्ली की परामर्शी संस्था मास एंड वायड द्वारा तैयार किया गया है, जो राजधानी की ट्रांसपोर्ट प्रणाली को नई दिशा देगा।
आईटीआई बस स्टैंड, जो फिलहाल सीमित सुविधाओं के साथ संचालित हो रहा है, अब रांची का सबसे आधुनिक बस टर्मिनल बनने जा रहा है। लगभग 2330 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में इसका निर्माण किया जाएगा, जिसमें यात्रियों और कर्मचारियों दोनों के लिए हाईटेक सुविधाएं होंगी। यहां कैंटीन, बस मेंटेनेंस शेड, स्लाइडिंग दरवाजे, 16 घंटे बस संचालन, बाइक और बस पार्किंग, रेस्टोरेंट, लिफ्ट, आधुनिक वेटिंग एरिया और यात्रियों के लिए आरामदायक बैठने की व्यवस्था होगी। इस स्टैंड से एक साथ 616 बसों का संचालन संभव होगा, जिससे यात्रियों को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी। यह टर्मिनल न केवल राजधानी बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक नया परिवहन मॉडल बनेगा।
वहीं पुराने सरकारी बस डिपो और बिरसा मुंडा बस टर्मिनल का भी कायाकल्प होने जा रहा है। सरकारी बस डिपो, जो वर्षों से जर्जर स्थिति में था, अब दो मंजिला आधुनिक ढांचे में विकसित किया जाएगा, जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 2600 वर्ग मीटर होगा। इसमें फूड कियोस्क, टिकट काउंटर, बस और वाहन पार्किंग की सुविधा के साथ यात्री विश्राम क्षेत्र भी बनाया जाएगा। बिरसा मुंडा बस टर्मिनल का विकास लगभग 11.6 एकड़ क्षेत्र में 47155 वर्ग मीटर में किया जाएगा, जिसमें 31 बस-वे, प्रशासनिक भवन, आधुनिक शौचालय, रेस्ट रूम और यात्रियों के लिए हर मौसम में आरामदायक प्रतीक्षालय होंगे। इस परियोजना से न केवल राजधानी की परिवहन व्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि झारखंड के पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास को भी नया बल मिलेगा।




