

Koderma News : 21 अक्टूबर 2025 को पुलिस लाइन, चंदवारा, कोडरमा में पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन बड़े ही श्रद्धा, सम्मान और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर कोडरमा के पुलिस अधीक्षकअनुदीप सिंह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), माईका अंचल के निरीक्षक, थाना प्रभारी, पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी सहित शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन उपस्थित रहे। यह आयोजन पुलिस विभाग की गौरवशाली परंपरा और उन अमर वीर सपूतों के बलिदान को नमन करने का प्रतीक बना, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 07:50 बजे हुआ। पुलिस बैंड की मधुर धुनों के बीच पुलिस अधीक्षक महोदय ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात सभी उपस्थित अधिकारियों और जवानों ने दो मिनट का मौन रखकर देश की आंतरिक सुरक्षा और जनता की सेवा के दौरान शहीद हुए वीर जवानों को नमन किया। पूरा वातावरण देशभक्ति और सम्मान की भावना से ओतप्रोत हो उठा। इस दौरान पुलिसकर्मियों की अनुशासन और एकता का परिचय स्पष्ट रूप से झलक रहा था, जिसने समारोह को और भी प्रेरणादायी बना दिया।
अपने उद्बोधन में पुलिस अधीक्षक अनुदीप सिंह ने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 का दिन भारतीय पुलिस इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। उस दिन लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी सेना के हमले में सीआरपीएफ के दस बहादुर जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, जिनकी स्मृति में हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह दिन हम सभी के लिए अत्यंत गर्व और भावनाओं से भरा अवसर है, जो हमें अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में साईबर अपराध, मादक पदार्थ नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, महिला एवं बाल सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में पुलिस को और अधिक सजग तथा तकनीकी रूप से सक्षम होने की आवश्यकता है।
समारोह के दौरान कोडरमा जिले के निवासी शहीद पुलिसकर्मी एस.आई. उमाचरण पासवान (सीआरपीएफ) एवं आरक्षी संतोष कुमार पासवान (आईटीबीपी) के परिजनों को मंच पर सम्मानित किया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने उन्हें अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए यह विश्वास दिलाया कि पुलिस प्रशासन सदैव शहीद परिवारों के साथ खड़ा रहेगा। इस वर्ष (01.09.2024 से 31.08.2025) के दौरान पूरे देश में कुल 191 पुलिसकर्मी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हुए हैं, जिनमें झारखंड के वीर सपूत आरक्षी सुनील धान भी शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण की भावना प्रकट की।




