

Jharkhand News : झारखंड की सांस्कृतिक विविधता और एकता को एक साथ पिरोते हुए ‘झारखंड एंथम’ राज्य की पहचान बनने जा रहा है। यह पहली बार है जब एक ही गीत में झारखंड की 9 भाषाओं – कुड़ुख, संथाली, मुंडारी, हो, खड़िया, नागपुरी, खोरठा, कुड़माली और पंचपरगनिया – को जोड़ा गया है। 115 कलाकारों और 25 अलग-अलग लोकेशनों पर शूट हुआ यह एंथम राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर 11 नवंबर को रिलीज होगा। लाल पाड़ साड़ी, बीरू गमछा और पारंपरिक झारखंडी परिधानों में सजे कलाकारों ने इस गीत को जीवंत कर दिया है। रांची के हरहवाग, दशम फॉल, हुंडरू फॉल, पतरातू घाटी, सिकिदरी घाटी, खूंटी के डोम्बारी बुरु और खलारी जैसी जगहों पर हुई शूटिंग में झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक रंग झलकते हैं। इस गीत के निर्देशक विवेक नायक का कहना है, “इतने सारे कलाकारों को एक मंच पर लाना एक चुनौती थी, लेकिन जब परिणाम सामने आया, तो लगा कि हमने इतिहास रच दिया।”
‘झारखंड एंथम’ में राज्य के पारंपरिक नृत्य रूपों की झलक भी देखने को मिलेगी। झूमर, छऊ, पाइका, नागपुरी, उरांव, मुंडारी और संथाली जैसे लोकनृत्यों की छटा पूरे वीडियो को जीवंत बनाती है। इस गीत को गिरिराज नागपुरी यू ट्यूब चैनल पर प्रोड्यूसर मुकेश गिरी (रिंकू) ने प्रस्तुत किया है और इसका निर्देशन विवेक नायक ने किया है। 12 मिनट लंबे इस एंथम के पिक्चराइजेशन का काम जोसेफ पूर्ति ने संभाला है। यह गीत झारखंड के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा संगीतमय प्रोजेक्ट माना जा रहा है। इसका प्रीमियर शो रांची के जेडी सिनेमा हॉल में होगा, जहां राज्य के कई कलाकार और संस्कृति प्रेमी शामिल होंगे।
इस एंथम को आवाज दी है झारखंड के नामचीन गायकों – पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख, पवन रॉय, मोनिका मुंडू, ज्योति साहू, विवेक नायक, रविकांत भगत, मनोज देहाती, नितेश कच्छप और कई अन्य कलाकारों ने। मांदर सम्राट मनपुरन नायक की झंकार इस गीत को और भव्य बनाती है। एंथम के बोल मंगल करमाली ने लिखे हैं जबकि संगीत निपेन डेम्टा और विवेक नायक ने तैयार किया है। झारखंड की मिट्टी, उसकी परंपराएं, बोली, पहनावा और लोककला को जोड़ते हुए यह एंथम न सिर्फ एक गीत बल्कि राज्य की आत्मा का प्रतीक बन गया है। झारखंड के दिल से निकला यह स्वर, एकता और गौरव का संदेश लेकर हर दिल तक पहुंचेगा।









