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Jharkhand News : राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान का शुभारंभ — स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने किया हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ

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Jharkhand News : रांची के नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में गुरुवार को राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि “परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का साधन नहीं, बल्कि स्वस्थ, सुरक्षित और खुशहाल परिवार का आधार है।” उन्होंने पुरुष नसबंदी जागरूकता रथ और डाक विभाग के वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभियान 20 दिसंबर 2025 तक चलेगा और राज्य के सभी जिलों में विशेष जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। डॉ. अंसारी ने कहा कि झारखंड सरकार परिवार कल्याण को एक जन आंदोलन बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत है।

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि परिवार नियोजन का विषय केवल महिलाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह धारणा गलत है कि नसबंदी या परिवार नियोजन सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है। अब पुरुषों को भी आगे आकर समान भागीदारी निभानी होगी।” मंत्री ने स्पष्ट किया कि पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है और इसके प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे इस अभियान को केवल सरकारी कार्यक्रम न मानें, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन के रूप में अपनाएं, जिससे हर घर में सुरक्षित मातृत्व और जिम्मेदार पितृत्व की भावना स्थापित हो सके।

डॉ. इरफान अंसारी ने इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों और स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों ने परिवार नियोजन कार्यक्रम में नवाचार और समर्पण दिखाया है, वे पूरे राज्य के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा, “जिन्होंने इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाई है, वे झारखंड की प्रगति के सच्चे प्रतिनिधि हैं।” मंत्री ने घोषणा की कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य में 8500 तकनीकी और गैर-तकनीकी स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने राँची सदर अस्पताल को NABL सर्टिफिकेट मिलने पर बधाई दी और कहा कि यह राज्य की स्वास्थ्य गुणवत्ता में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में भारतीय डाक विभाग, झारखंड परिमंडल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत परिवार नियोजन सामग्रियों के परिवहन और वितरण की जिम्मेदारी डाक विभाग को सौंपी गई है। भारत पोस्ट अपने पार्सल नेटवर्क के माध्यम से राज्यभर में सामग्रियों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। यह समझौता “स्वस्थ झारखंड, सुखी झारखंड” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा, जिससे ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएँ सुलभ हो सकेंगी।

अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि परिवार नियोजन केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता का स्तंभ है। उन्होंने कहा, “जब हर परिवार योजनाबद्ध तरीके से बढ़ता है, तब समाज संतुलित होता है और राष्ट्र प्रगति करता है।” अजय कुमार सिंह ने स्वास्थ्यकर्मियों — सर्जन, एएनएम, जीएनएम और सीएचओ — की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से झारखंड पुरुष सहभागिता आधारित परिवार नियोजन में आदर्श राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने इस अभियान को व्यापक रूप से प्रचारित करने की भी आवश्यकता बताई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि झारखंड में परिवार नियोजन के संकेतक उल्लेखनीय रूप से सुधरे हैं। राज्य की कुल प्रजनन दर (TFR) 3.5 से घटकर 2.3 हो चुकी है और गर्भनिरोधक प्रचलन दर (CPR) 35.7% से बढ़कर 61.7% तक पहुँच गई है। उन्होंने बताया कि यह सुधार राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत का परिणाम है। अब आवश्यक है कि पुरुष भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाएँ, क्योंकि पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित, प्रभावी और दीर्घकालिक समाधान है, जिससे महिलाओं पर स्वास्थ्य भार कम होगा और समान भागीदारी का वातावरण बनेगा।

राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. पुष्पा ने बताया कि झारखंड में Unmet Need घटकर 10% रह गई है और अस्थायी विधियों के उपयोग में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल स्वास्थ्य सुधार तक सीमित नहीं, बल्कि समानता और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। डॉ. पुष्पा ने कहा कि “परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता से समाज में नई सोच विकसित होगी — जहां महिला और पुरुष दोनों मिलकर जिम्मेदार अभिभावक की भूमिका निभाएँगे।” उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान से झारखंड परिवार नियोजन संकेतकों में देश के अग्रणी राज्यों में स्थान पा सकता है।

कार्यक्रम के दौरान नई विधियों — MPA-SC एवं इम्प्लांट — का शुभारंभ किया गया तथा सहिया के लिए तैयार की गई वीडियो फिल्म का विमोचन हुआ। राज्यभर के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 37 स्वास्थ्य संस्थान, 19 मास्टर ट्रेनर, 9 स्टोरकीपर, 16 बीटीटी, 10 सहिया, 10 सर्जन, 8 एएनएम/जीएनएम और 11 काउंसलर को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि 2019 से अब तक राज्य में 1.30 लाख से अधिक सास-बहू-पति सम्मेलन, 6.98 लाख नई पहल किट वितरण और 76 हजार से अधिक परिवार कल्याण दिवस का सफल आयोजन किया जा चुका है। समारोह में पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचू, निदेशक डाक सेवा बी.आर. चौधरी, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ सिद्धार्थ सान्याल समेत सभी जिलों के सिविल सर्जन और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।