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Jharkhand की रजत जयंती उत्सव में बच्चों की प्रतिभा का चमका सितारा – पूरे राज्य में गूंजा “विरासत, प्रगति और आकांक्षाओं का जश्न”

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Jharkhand शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में मनाए जा रहे “Jharkhand राज्य की 25वीं रजत जयंती वर्ष—विरासत, प्रगति और आकांक्षाओं के उत्सव” के तीसरे दिन, राज्यभर के सरकारी एवं आवासीय विद्यालयों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। 13 नवंबर 2025 को आयोजित कार्यक्रमों में Jharkhand के 52,794 विद्यार्थियों ने प्रखंड स्तर पर आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दिया। क्विज़, निबंध लेखन, नृत्य, संगीत, ड्रामा, कहानी लेखन और पेंटिंग जैसी प्रतियोगिताओं में छात्रों ने राज्य की संस्कृति, परंपरा और विकास गाथा को अपनी कला के माध्यम से जीवंत कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत राज्य के सभी सरकारी एवं आवासीय विद्यालयों में विशेष प्रातःकालीन सभाओं से हुई। इन सभाओं में झारखंड के गौरवशाली इतिहास, जनजातीय परंपराओं, आंदोलनों और महापुरुषों के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। करीब 30.8 लाख विद्यार्थियों ने एक साथ मिलकर झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को नमन किया और राज्य निर्माण में अपने योगदान देने वाले महान नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। विद्यालयों में झंडा फहराने, देशभक्ति गीत गाने और झारखंड के प्रतीक चिन्हों को सम्मान देने के साथ माहौल एकता और गर्व की भावना से ओतप्रोत रहा।

विभिन्न प्रखंडों में हुए प्रतियोगिताओं में छात्रों ने झारखंड की प्राकृतिक संपदा, जनजातीय जीवनशैली, पारंपरिक लोककला और राज्य की विकास यात्रा को विषय बनाकर अपनी प्रस्तुतियां दीं। कहानी लेखन और निबंध प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने राज्य की 25 वर्ष की उपलब्धियों को रचनात्मक रूप से व्यक्त किया। वहीं पेंटिंग और नृत्य प्रतियोगिताओं में कलाकार बच्चों ने झारखंड की रंगीन संस्कृति और प्रकृति की सुंदरता को अपनी कलाकृति में उतारा। निर्णायकों ने प्रतिभागियों की सृजनात्मकता और ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि झारखंड का भविष्य इन प्रतिभाओं के हाथों में सुरक्षित है।

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अधिकारियों ने बताया कि प्रखंड स्तर पर चयनित विद्यार्थियों को अब जिला स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ाना, राज्य के प्रति गर्व की अनुभूति कराना और झारखंड की विरासत से जुड़ाव स्थापित करना है। अधिकारियों ने बताया कि यह आयोजन केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास और सामूहिक उत्सव का माध्यम भी है, जिसमें हर बच्चा अपने राज्य की कहानी को आत्मसात कर रहा है।

रजत जयंती समारोह के तहत 14 नवंबर 2025 को राज्य के सभी जिलों और प्रखंडों में जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। उसी दिन बच्चों के लिए सेमिनार और विचार गोष्ठियों का भी आयोजन किया जाएगा। इन सेमिनारों में झारखंड के 25 वर्षों की विकास यात्रा, महापुरुषों के संघर्ष, आंदोलनकारियों की भूमिका, राज्य की भौगोलिक विविधता और समृद्ध कला संस्कृति पर चर्चा की जाएगी। विशेषज्ञों और शिक्षाविदों द्वारा छात्रों को झारखंड के भविष्य निर्माण में उनकी भूमिका पर भी प्रेरणादायक बातें बताई जाएंगी।

14 नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम राज्य के इतिहास में विशेष स्थान बनाएगा। प्रभात फेरी के दौरान विद्यालयों के विद्यार्थी अपने हाथों में झारखंड के प्रतीक चिन्ह, राज्य स्थापना के नारे और रंग-बिरंगे झंडे लेकर निकलेगे। यह आयोजन केवल बच्चों का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड की जनता का उत्सव होगा। सड़कें झारखंडी गीतों, ढोल-मांदर की थाप और बच्चों की उमंग से गूंज उठेंगी। यह आयोजन राज्य की एकता, संस्कृति और विकास की जीवंत मिसाल बनेगा।

15 नवंबर 2025 को, झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर राज्यभर के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों की उपस्थिति में सम्मान समारोह का आयोजन होगा। विजेता विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और स्मृति चिह्न देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। समारोह में राज्य के शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे, जो छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करेंगे और उनके प्रयासों की सराहना करेंगे।

झारखंड राज्य की 25वीं रजत जयंती केवल एक वर्षगांठ नहीं, बल्कि राज्य के गौरव, संघर्ष, विकास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है। इस अवसर पर शिक्षा विभाग ने जिस प्रकार विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर आयोजन किया है, वह आने वाली पीढ़ी में राज्य के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना को सशक्त करेगा। यह उत्सव झारखंड की मिट्टी की खुशबू, परंपराओं की गहराई और नई आकांक्षाओं की उड़ान का प्रतीक बनकर हर दिल में “विरासत, प्रगति और आकांक्षाओं” का संदेश दे रहा है।