

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में जारी 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का दूसरा दिन पूरी तरह झारखंड पवेलियन के नाम रहा। शनिवार को Jharkhand State Foundation Day के 25 वर्ष और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर पवेलियन में विशेष समारोह का आयोजन किया गया। दर्शकों ने झारखंडी संस्कृति, पारंपरिक कला और लोकनृत्यों का भरपूर आनंद लिया। वहीं झारखंड भवन में स्थानिक आयुक्त कार्यालय द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर Jharkhand State Foundation Day को गरिमा के साथ मनाया गया। मेले में पहुंचे आगंतुकों ने झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और आत्मा को बखूबी महसूस किया।
पवेलियन में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए, जिसके बाद पारंपरिक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पूरे वातावरण को झारखंडी रंग में रंग दिया। भगवान बिरसा मुंडा की वीरता, उलगुलान आंदोलन और आदिवासी समाज के उत्थान में उनकी भूमिका को याद करते हुए लोगों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी। 19वीं सदी के इस महानायक का जन्म 15 नवंबर को खूँटी में हुआ था और अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में उन्हें जननायक के रूप में जाना जाता है। झारखंड में उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाता है। कार्यक्रम ने आगंतुकों को न सिर्फ इतिहास से जोड़ा, बल्कि झारखंड की जीवंत परंपरा और सांस्कृतिक गौरव का भी साक्षात्कार कराया।
उद्योग निदेशक श्री विशाल सागर ने इस अवसर को झारखंड के लिए “गौरव का क्षण” बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के व्यापार मेले में स्थापना दिवस मनाना राज्य के लिए सम्मान की बात है। वर्ष 2000 में इसी दिन झारखंड एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था और आज प्रदेश अपने 25 वर्षों की उपलब्धियों का उत्सव मना रहा है। कार्यक्रम में जियाडा के प्रबंध निदेशक श्री वरुण रंजन, कृषि निदेशक श्री भोर सिंह यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। झारखंड पवेलियन ने न केवल आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया बल्कि अपने सांस्कृतिक वैभव और आधुनिक विकास की झलक भी दुनिया के सामने रखी।









