

Earthquake News : शुक्रवार सुबह पश्चिम बंगाल Earthquake के तेज झटकों से हिल उठा। कोलकाता समेत राज्य के कई जिलों—नदिया, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद—में कंपन महसूस किए गए, जिसके बाद लोगों में घबराहट फैल गई। यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 दर्ज की गई और इसका केंद्र बांग्लादेश में बताया गया। स्थानीय समय के अनुसार सुबह 10:08 बजे आए इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी, जो इसे सतह पर ज्यादा प्रभावी बनाती है। कई क्षेत्रों में लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों की ओर भागते दिखे।
भूकंप क्यों आते हैं, इसे समझने के लिए धरती की संरचना को जानना जरूरी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती की बाहरी परत कई बड़ी और छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है, जो लगातार धीमी गति से हिलती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती या रगड़ खाती हैं, तो ऊर्जा का अचानक विस्फोट होता है, जिसे भूकंप कहा जाता है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) की मानें तो प्लेटों के किनारे घर्षण के कारण अक्सर जाम हो जाते हैं, जिससे तनाव बढ़ता रहता है और एक समय बाद यह तनाव ऊर्जा के रूप में बाहर आता है। यही ऊर्जा धरती की परतों से गुजरते हुए कंपन पैदा करती है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।
भूकंप के दौरान सावधानी रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई ऊंची इमारत के पहले या दूसरे फ्लोर पर हो, तो तुरंत बाहर निकलकर खुले स्थान पर चले जाएं। इमारत के भीतर हों तो दीवार के सहारे खड़े रहें, किसी मजबूत टेबल या डेस्क के नीचे शरण लें और खिड़कियों से दूर रहें। बाहर निकलते समय टूटे कांच, बिजली के तारों और गिरती वस्तुओं से बचकर रहें। सड़क पर होने की स्थिति में खुले स्थान पर जाएं और यदि वाहन में हों, तो गाड़ी को सुरक्षित जगह पर धीरे से रोक दें। किसी भी आपात स्थिति में शांत रहना और सुरक्षा निर्देशों का पालन करना सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है।









