
Indian Railway : यात्री मांग में निरंतर वृद्धि को देखते हुए, व्यस्त स्टेशनों पर भीड़ कम करने और नई ट्रेनों के संचालन को आसान बनाने के लिए चरणबद्ध क्षमता विस्तार पर जोर
Indian Railway : भारतीय रेल ने 2030 तक देश के 48 प्रमुख शहरों में ट्रेनों की प्रारंभिक क्षमता को दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसका उद्देश्य यातायात दबाव कम करना, यात्रियों को बेहतर सुविधा देना और भविष्य की बढ़ती यात्रा मांग को समय रहते पूरा करना है।
Indian Railway की 2030 विज़न योजना: शहरों में बढ़ेगी ट्रेनों की संख्या
यात्रियों की संख्या में तेज और लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए, Indian Railway ने एक व्यापक क्षमता विस्तार योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में प्रमुख शहरों से नई ट्रेनों की शुरुआत करने की क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। यह जानकारी 26 दिसंबर 2025 को शाम 4:48 बजे PIB दिल्ली द्वारा जारी की गई।
भारतीय रेल का मानना है कि यदि समय रहते अवसंरचना का विस्तार नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में यातायात दबाव और अधिक बढ़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, 2030 तक प्रारंभिक क्षमता को दोगुना करने के लिए कई ठोस कदम प्रस्तावित किए गए हैं।
Indian Railway : किन कार्यों पर होगा फोकस
योजना के अनुसार, क्षमता विस्तार के लिए निम्नलिखित प्रमुख कार्य शामिल किए जाएंगे:
- मौजूदा टर्मिनलों का विस्तार, जिसमें अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइनें, पिट लाइनें और बेहतर शंटिंग सुविधाएँ शामिल होंगी।
- शहरी क्षेत्रों और उनके आसपास नए टर्मिनलों की पहचान और निर्माण।
- रखरखाव सुविधाओं का विकास, जिसमें आधुनिक मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे।
- यातायात सुविधा कार्यों, सिग्नलिंग उन्नयन और मल्टी-ट्रैकिंग के माध्यम से सेक्शन क्षमता में वृद्धि।
इन कदमों से न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि संचालन भी अधिक सुचारु और सुरक्षित होगा।
Indian Railway : आस-पास के स्टेशनों को भी मिलेगा लाभ
टर्मिनलों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ, उनके आसपास स्थित स्टेशनों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा ताकि यातायात का संतुलित वितरण हो सके। उदाहरण के तौर पर, पुणे में केवल मुख्य स्टेशन ही नहीं, बल्कि हडपसर, खड़की और आलंदी जैसे स्टेशनों पर भी क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इससे एक ही स्टेशन पर अत्यधिक दबाव नहीं पड़ेगा।
Indian Railway : उपनगरीय और गैर-उपनगरीय यातायात पर अलग रणनीति
भारतीय रेल ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी कवायद उपनगरीय और गैर-उपनगरीय—दोनों प्रकार के यातायात को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। क्योंकि दोनों की आवश्यकताएँ अलग-अलग होती हैं, इसलिए योजना को भी उसी अनुसार तैयार किया जाएगा। 48 प्रमुख शहरों के लिए एक विस्तृत योजना निदेशालय को प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें पहले से स्वीकृत, प्रस्तावित और नियोजित कार्यों का पूरा विवरण होगा।
Indian Railway : तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक कदम
हालाँकि अंतिम लक्ष्य 2030 तक क्षमता दोगुनी करना है, लेकिन अगले पांच वर्षों में ही चरणबद्ध तरीके से इसके लाभ यात्रियों को मिलने लगेंगे। योजना के कार्यों को तीन श्रेणियों—तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक—में बांटा जाएगा, ताकि स्पष्ट समय-सीमा और ठोस परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें।
Indian Railway : जोनल रेलवे की भी अहम भूमिका
इस योजना के तहत प्रत्येक जोनल रेलवे को अपने-अपने डिवीजनों में चलने वाली ट्रेनों की क्षमता बढ़ाने की रणनीति तैयार करनी होगी। इसका उद्देश्य केवल टर्मिनल क्षमता बढ़ाना नहीं, बल्कि सेक्शन क्षमता, स्टेशनों और यार्डों में आने वाली परिचालन बाधाओं को भी दूर करना है।
