
Change your mindset change society awareness :स्ट्रीट प्ले के जरिए बाल अधिकार, सुरक्षा और संवेदनशीलता का सशक्त संदेश
Change your mindset change society awareness : मुंबई के दादर और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) रेलवे स्टेशन पर 30 दिसंबर 2025 को आयोजित नुक्कड़ नाटक “सोच बदलो, समाज बदलो” ने यात्रियों और आम जनता को बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया। इस प्रभावशाली पहल में बाल शोषण, बाल विवाह, उपेक्षा और असुरक्षित परिस्थितियों जैसे मुद्दों पर स्पष्ट संदेश दिया गया।

Change your mindset change society awareness : बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आज दादर रेलवे स्टेशन और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर एक प्रभावशाली स्ट्रीट प्ले का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला महिला एवं बाल विकास विभाग, जिल्हा बाल संरक्षण कक्ष, मुंबई शहर, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, Railway Children India तथा जीआरपी दादर और CSMT के संयुक्त सहयोग से संपन्न हुआ।
रेलवे स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का उद्देश्य यात्रियों और आम नागरिकों तक त्वरित और प्रभावी संदेश पहुँचाना होता है—और यही कारण है कि यह आयोजन खासा प्रभाव छोड़ता दिखा।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ड्रम परफॉर्मेंस से हुई, जिसने स्टेशन परिसर में मौजूद यात्रियों का ध्यान तुरंत आकर्षित किया। इसके बाद प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक “सोच बदलो, समाज बदलो” के माध्यम से बाल विवाह, शिक्षा से वंचित होना, बच्चों के साथ हिंसा, शोषण और उपेक्षा जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों को बेहद सरल लेकिन मार्मिक तरीके से दर्शाया गया। नाटक में यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि ये समस्याएँ केवल किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लड़के और लड़कियाँ—दोनों ही इससे प्रभावित होते हैं।
नाटक का केंद्रीय संदेश था कि बच्चों की सुरक्षा केवल सरकारी तंत्र की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि कोई बच्चा रेलवे स्टेशन या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अकेला, घबराया हुआ या असुरक्षित स्थिति में दिखाई दे, तो उसे नज़रअंदाज़ न करें।

Change your mindset change society awareness : कार्यक्रम के प्रमुख संदेश
- किसी भी असहाय या अकेले बच्चे को देखकर तुरंत पुलिस हेल्पलाइन 112 या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना दें।
- समय पर दी गई एक छोटी-सी जानकारी भी किसी बच्चे के जीवन को सुरक्षित और सही दिशा दे सकती है।
- बच्चों के साथ संवेदनशील व्यवहार और सतर्कता ही उनके सुरक्षित भविष्य की कुंजी है।
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पहल को अपना पूरा समर्थन दिया। कार्यक्रम में पुलिस इंस्पेक्टर श्री अनिल कदम, स्टेशन डायरेक्टर दादर श्री अनिल कुमार तिवारी, श्रीमती सुनीता धोकरे, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी श्रीमती प्रगति सहित रेलवे एवं पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
पुलिस इंस्पेक्टर श्री अनिल कदम ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर बच्चों की आवाजाही अधिक रहती है, ऐसे में किसी भी संदिग्ध या असुरक्षित स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि दादर जीआरपी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और जनता के सहयोग से ही यह प्रयास और मजबूत हो सकता है।
वहीं पुलिस निरीक्षक श्रीमती सुप्रिया बोइते ने बताया कि Railway Children India और चाइल्ड हेल्पलाइन न केवल बच्चों को सुरक्षित रूप से उनके परिवारों से मिलाने का कार्य करती हैं, बल्कि पुनर्वास के बाद भी परिवारों के साथ लगातार जुड़कर काम करती हैं। बच्चों को भावनात्मक सहयोग देना और परिवारों को सशक्त बनाना उनके कार्य का अहम हिस्सा है, जिससे समाज में दीर्घकालिक और सकारात्मक बदलाव संभव हो पाता है।
इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम यह याद दिलाते हैं कि “सोच बदलेगी, तभी समाज बदलेगा”—और बच्चों की सुरक्षा से बड़ा कोई सामाजिक दायित्व नहीं।
